पटना: HAM प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष कुमार के इस्तीफे से प्रदेश में सियासत गरमा गई है. जहां नीतीश कुमार का साथ देने की कसम खाने वाले मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंगलवार को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. गौरतलब है कि संतोष बिहार […]
पटना: HAM प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष कुमार के इस्तीफे से प्रदेश में सियासत गरमा गई है. जहां नीतीश कुमार का साथ देने की कसम खाने वाले मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंगलवार को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. गौरतलब है कि संतोष बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री थे. अब मांझी के इस्तीफे को लेकर भाजपा नेता ने बिहार गठबंधन पर निशाना साधा है.
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मोतिहारी में संतोष मांझी के इस्तीफे पर मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि संतोष मांझी का इस्तीफा दर्शाता है कि महागठबंधन टूटने की कगार पर है। लोगों को मालूम है कि अब नीतीश कुमार और उनकी पार्टी का कोई भविष्य नहीं है। मांझी का समझौता जदयू के साथ था न की राजद के साथ, इसलिए वे साथ छोड़कर चले गए. सुशील कुमार के अलावा केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने भी संतोष कुमार के इस्तीफे को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार सभी विपक्षी दलों को एक करने में लगे हैं लेकिन अपने घर को संभाल नहीं पा रहे हैं। उनका ही कुनबा बिखर रहा है, मंत्री इस्तीफा दे रहे हैं और वे कह रहे हैं कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे। महागठबंधन बहुत जल्द टूट जाएगा।
बता दें, पिछले साल बीजेपी से नीतीश कुमार ने नाता तोड़कर राजद-कांग्रेस के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई जिसमें सीएम की कमान उनके ही हाथों में थी. वाम दलों ने इस सरकार में बाहर से समर्थन भी दिया. हम पार्टी ने 2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के साथ लड़ा था. लेकिन अब जब खुद नीतीश कुमार गठबंधन से बाहर हो गए थे तो हम पार्टी ने भी नीतीश खेमे से हाथ मिलाया जिसके चार विधायक महागठबंधन का हिस्सा बने. इस सरकार में मांझी के बेटे को मंत्री पद भी दिया गया जिन्होंने अब अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री थे जिन्होंने अब अपने पद से इस्तीफा तो दे ही दिया है साथ ही नीतीश कुमार पर आरोपी भी लगाया है. संतोष सुमन का आरोप है कि वह उनपर उनकी पार्टी ‘हम’ का जदयू में विलय करने का दबाव डाल रहे थे. हालांकि उन्होंने महागठबंधन में रहने की बात कही है.
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