भुवनेश्वर: ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या अभी भी अनसुलझी है. आरोपी ASI इस समय पुलिस की गिरफ्त में है. ये वही गोपाल दास है जो स्वास्थ्य मंत्री की सुरक्षा में तैनात था और जिसने उनपर पांच राउंड की फायरिंग की थी. अब जानकारी सामने आ रही है कि ASI कभी स्वास्थ्य […]
भुवनेश्वर: ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या अभी भी अनसुलझी है. आरोपी ASI इस समय पुलिस की गिरफ्त में है. ये वही गोपाल दास है जो स्वास्थ्य मंत्री की सुरक्षा में तैनात था और जिसने उनपर पांच राउंड की फायरिंग की थी. अब जानकारी सामने आ रही है कि ASI कभी स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास का निजी सुरक्षा अधिकारी भी रहा है. आइए जानते हैं कैसा है गोपाल दास का रिकॉर्ड.
आरोपी ASI के खिलाफ दर्ज करवाई गई एफआईआर में पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार विवरण दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस की सर्विस बुक में आरोपी गोपाल दास का अच्छा रिकॉर्ड दिखाया गया है. उसका रिकॉर्ड इतना साफ़ था कि उसे ASI को चौकी प्रभारी तक की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी. हालांकि इस सर्विस बुक में उसकी मानसिक बीमारी का जिक्र नहीं है जिसे लेकर कई दावे किए जा रहे थे.
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास मर्डर केस में ब्रजराजनगर पुलिस थाने के IIC प्रद्युम्न स्वैन ने खुद संज्ञान लिया है. इस हाई प्रोफ़ाइल केस की FIR में लिखा है- रविवार (29 जनवरी, 2023) को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास गांधी चौक स्थित लिफ्ट और शिफ्ट बिल्डिंग में ब्रजराजनगर के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के कार्यालय का उद्घाटन करने आए थे. दोपहर करीब 12.15 बजे मंत्री नब दास की कार कार्यक्रम स्थल के पास रुकी. जैसे ही नाब दास कार का गेट खुला और वह गाड़ी से नीचे उतरे वैसे ही ट्रैफिक क्लीयरेंस के लिए ड्यूटी में तैनात ASI गोपाल कृष्ण दास उनके करीब आ गया. उसने अपनी सर्विस पिस्टल से मंत्री की हत्या कर दी. हमले से साफ़ है कि गोपाल दास ने स्पष्ट इरादे से निशाना साधा क्योंकि वह मंत्री के बेहद करीब था और उसकी बाइक घटनास्थल से 50 मीटर दूर ही खड़ी मिली.
ब्रजराजनगर IIC ने शिकायत में कहा है कि – मैंने रामपुर पुलिस चौकी के कांस्टेबल केसी प्रधान के साथ मिलकर ASI गोपाल कृष्ण दास को पकड़ लिया था. हालांकि, कुछ संघर्ष और कहासुनी के दौरान आरोपी ने दो राउंड और गोलियां चला दीं. जानकारी के अनुसार दूसरे राउंड की फायरिंग में पुलिसकर्मी की उंगली में भी चोट आई है. इस दौरान एक अन्य व्यक्ति को भी चोटें आईं.
जांच में सामने आया है कि कभी आरोपी ASI मंत्री नब किशोर का निजी सुरक्षा अधिकारी रहा है. ऐसे में ये साफ़ है कि वो मंत्री के बारे में बेहतर तरीके से जानता था. गोपाल दास वर्तमान में गांधी नगर चौकी में बतौर प्रभारी तैनात था. जब नब दास कांग्रेस से विधायक थे, तब गोपाल कृष्ण दास को पीएसओ के रूप में नियुक्ति मिली थी.
9 सितंबर, 2009 को गोपाल कृष्ण दास (54 साल) को हवलदार (वरिष्ठ कांस्टेबल) से ASI के पद पर पदोन्नत किया गया था. उसे बेरहामपुर में तैनात किया गया था.2016 से पहले पुलिसिंग में गोपाल ने अच्छे काम के लिए 12 सेवा अंक भी अर्जित किए हैं. जांच केसों में उसने 18 पदक जीते. उसे अपने करियर में कई पुरस्कार भी मिले. हालांकि FIR में उसकी मानसिक या शारीरिक बीमारी का कोई उल्लेख नहीं है.
फिलहाल पुलिस भी गोपाल की ह्त्या की मंशा का पता नहीं लगा पाई है. एएसआई ने मंत्री पर गोलियां क्यों चलाई? और यह गोलियां किसी और पर क्यों नहीं चलाई? वह मानसिक रूप से बीमार था या नहीं? इन सभी बातों की जांच की जा रही है. बता दें, ASI गोपाल कृष्ण दास से एक 9 एमएम पिस्टल, 3 जिंदा कारतूस और एक मोबाइल हैंडसेट जब्त किया है. फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है.
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