पुणे। महाराष्ट्र में दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है। राज्य के पुणे शहर के कसबा और पिंपरी चिंचवड़ सीट के लिए 26 फरवरी को मतदान होगा। इस बीच शुक्रवार यानी 24 फरवरी को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस नेता उस्मान हिरोली ने एक विवादित बयान दिया। जनसभा को संबोधित करते हुए […]
पुणे। महाराष्ट्र में दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है। राज्य के पुणे शहर के कसबा और पिंपरी चिंचवड़ सीट के लिए 26 फरवरी को मतदान होगा। इस बीच शुक्रवार यानी 24 फरवरी को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस नेता उस्मान हिरोली ने एक विवादित बयान दिया। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम चाहे जहां कहीं भी हों, सऊदी. दुबई या कुवैत, उन्हें बुलाकर मतदान करवाओ, मर गए मुसलमानों को भी उठाकर बुलाओ तभी हम प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ को हरा सकते हैं।
पूर्व कांग्रेसी कॉरपोरेटर ने चुनावी सभा में कहा कि जब तक बड़ी संख्या में मुसलमान वोट नहीं करेंगे, प्रधानमंत्री मोदी को हराया नहीं जा सकता है। कांग्रेस नेता के इस बयान को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से विपक्षी दलों द्वारा अल्पसंख्यकों का धुव्रीकरण किया जा रहा है, वह घातक है।
विवाद बढ़ने के बाद उस्मान हिरोली ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि पुणे कसबा क्षेत्र से करीब डेढ़ हजार लड़के, लड़कियां सऊदी, दुबई और कुवैत में रहते हैं। मैंने उन्हें वोटिंग के लिए बुलाने को कहा था। ये लोग आते-जाते रहते हैं, उन्हें वोटिंग के लिए यहां पर मौजूद रहना चाहिए। वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के मकसद से मैंने यह बयान दिया था। इसमें गलत क्या है?
बता दें कि, महाराष्ट्र बीजेपी की महिला विंग की अध्यक्ष चित्रा वाघ ने उस्मान हिरोली के बयान की निंदा की है। उन्होंने कांग्रेस नेता के बयान को जेहादी मानसिकता की उपज बताया है। जिहाद के आरोपों पर हिरोली ने कहा कि चित्रा वाघ को जिहाद का मतलब पता है क्या? उन्होंने आगे कहा कि मेरे बयान का मतलब और मकसद सिर्फ एक ही है कि सभी लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का सदुपयोग करें और मतदान करें।
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