Gautam Adani: नई दिल्ली। गौतम अडानी इस वक्त भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर इंसान हैं। वो दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। हर रोज कामयाबी की नई इबारत लिख रहे गौतम की संपत्ति 137 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक […]
नई दिल्ली। गौतम अडानी इस वक्त भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर इंसान हैं। वो दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। हर रोज कामयाबी की नई इबारत लिख रहे गौतम की संपत्ति 137 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक साल 2022 में उनकी संपत्ति में 60.9 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक 30 मार्च 2014 तक गौतम अडानी के पास सिर्फ 5.10 अरब डॉलर की संपत्ति थी। केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार के आने के लगभग 6 सालों बाद 16 जनवरी 2020 में उनकी संपत्ति 11 अरब डॉलर थी।
बता दें कि, जून 2020 से अडानी की संपत्ति में अचानक उछाल देखने को मिलने लगा। इसके बाद 9 जून 2021 तक आते-आते अडानी की संपत्ति करीब 7 गुना बढ़कर 76.7 अरब डॉलर पहुंच गई। इसके बाद गौतम अडानी की दौलत को तो जैसे पंख लग गए। 29 अप्रैल 2022 को उन्होंने 122 अरब डॉलर के मुकाम को छू लिया। वहीं, अब उनके पास 137 अरब डॉलर की संपत्ति है।
दुनिया के तीसरे और एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी के पास तीन मंहगे बिजनेस जेट, तीन हेलीकॉप्टर और कई मंहगी लक्जरी कारें हैं। उनके पास राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगभग 400 करोड़ की कीमत वाला एक घर है।
अडानी समूह का अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड देश का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह ऑपरेटर है। जो 13 बंदरगाह और टर्मिनल का संचालन करता है। इसके साथ ही अडानी समूह के पास 17 मालवाहक जहाज हैं।
देश के सात बड़े एयरपोर्ट का संचालन अडानी समूह करता है। जिसमें मुंबई, अहमदाबाद, तिरूअनंतपुरम, लखनऊ, जयपुर, मंगलुरू और गुवाहाटी शामिल है।
इसी साल 2022 में गौतम अडानी की कंपनी ने होल्सिम का भारतीय सीमेंट कारोबार खरीदने का ऐलान किया था। ये सौदा करीब 11 अरब डॉलर में हुआ था। इस सौदे के बाद अडानी समूह एक ही झटके में भारतीय सीमेंट बाजार में दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
इसके साथ ही अभी हाल ही में अडानी समूह ने अपनी सब्सिडियरी विश्व प्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से एनडीटीवी की प्रमोटर कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के 99.99 प्रतिशत शेयर को खरीदने की कोशिश की है। हालांकि कुछ कानूनी वजहों से ये मामला अभी अटका हुआ है।
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