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गौरक्षक मोनू मानेसर का पूरा चिट्ठा, दो भाइयों को जिंदा जलाने का है आरोप

गुरुग्राम। राजस्थान के रहने वाले दो मुस्लिम भाई जुनैद- नासिर को बोलेरो गाड़ी में जिंदा जलाने के मामले को लेकर बजरंग दल संयोजक और गोरक्षा दल के सदस्य मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को पकड़ने के लिए दो राज्यों की पुलिस ने शुक्रवार को उसके कई ठिकानों पर छापेमारी की।

बता दें, गुरुग्राम पुलिस ने मोनू मानेसर के खिलाफ हत्या के प्रयास और राजस्थान के भरतपुर जिले की पुलिस ने दो भाईयों को कार में जिंदा जलाने के मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की है। जिसके चलते दोनों राज्यों की पुलिस ने मोनू के ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन उन्हें मोनू नहीं मिला।

इस दौरान मोनू मानेसर ने शुक्रवार की शाम को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए इस घटना पर उसकी किसी तरह की भूमिका होने से इंकार कर दिया। उसका कहना था कि मेरी और मेरे साथियों का इस घटना से कोई लेना- देना नहीं है, इसके बाद भी राजस्थान पुलिस ने मेरे और मेरी टीम के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जबकि मैं मरने वालों को जानता भी नहीं हूं।

मोनू ने पुलिस के बयान को गलत बताते हुए कहा कि जिस समय ये घटना हुई उस दौरान में गुरुग्राम में अपनी टीम के सदस्यों के साथ एक होटल में था। मैं होटल के सीसीटीवी फुटेज भी शेयर करता हूं जिसमें साफ देखा जा सकता है कि घटना के समय मैं और मेरी टीम होटल में थे। हमारे खिलाफ भरतपुर पुलिस द्वारा दर्ज किया गया मामला पूरी तरह गलत है।

वहीं मोनू के खिलाफ पुलिस कार्यवाही को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने उनके सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की निंदा की है। विहिप हरियाणा के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश पवन कुमार ने कहा कि बजरंग दल के सदस्यों का इस अपहरण और हत्या के मामले से उनका कोई संबंध नहीं है। राजस्थान सरकार इस मामले का राजनीतिक फायदा उठा कर राज्य में सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का काम कर रही है। सरकार द्वारा गौ- रक्षकों को निशाना बनाया जा रहा हैं।

राजनेताओं का बयान

मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना की निंदा की है। इसके अलावा उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है, गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि , भरतपुर के घाटमीका के रहने वाले दो भाईयों की हरियाणा में हत्या निंदनीय है। राजस्थान एवं हरियाणा पुलिस समन्वय कर कार्रवाई कर रही हैं।

वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को दावा किया कि राजस्थान से कथित तौर पर दो लोगों का अपहरण कर उनकी हत्या करने वाले गिरोह के एक सदस्य को भाजपा का संरक्षण प्राप्त है। ओवैसी ने आरोप लगाया है इन दोनों भाईयों को पहले राजस्थान से अगवा कर हरियाणा ले जाने के बाद पीटा गया और जिंदा जला दिया गया।

कौन है मोनू मानेसर

गुरुग्राम के गांव मानेसर का रहने वाला 28 साल का मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर शुरुआत में आम किस्म का लड़का था, लेकिन कुछ समय बाद उसकी रुचि गौ माता की रक्षा करने के लिए बढ़ने लगी, जिसके चलते मोनू बजरंग दल में शामिल हो गया। बजरंग दल के साथ जुड़ने के बाद उसने आम कार्यकर्ता के तौर पर काम किया इस दौरान उसने कई गौ- तस्करों के साथ मुकाबला भी किया। मोनू के परिवार की बात की जाए तो मोनू दो भाईयों में सबसे बड़ा है, उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावा मोनू की एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है, बता दें मोनू खुद भी शादीशुदा होने के अलावा दो बच्चों का पिता भी है।

साल 2016 तक उसने खुद को गौरक्षा दल का प्रमुख बनाने के लिए अपना नेटवर्क एक्टिव किया। उसके मुखबिरों का नेटवर्क हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, नूंह, सोनपीत, पलवल और झज्जर तक फैला हुआ है। मोनू का संगठन गौ तस्करों को पकड़ने के बाद उन्हें पुलिस को सौंप देता है। मोनू मानेसर का नेटवर्क इतना मजबूत है कि गौ तस्करी के मामले में पुलिस के पास बाद में सूचना पहुंचती है, मोनू को पहले पता चल जाता है। मोनू की टीम में कई सारे युवा भी शामिल है।

तीसरी बड़ी घटना में नाम

बता दें, दो भाईयों को जिंदा जलाने के साथ मोनू का नाम तीसरी बड़ी घटना में आया है। इससे पहले भिवाड़ी-तावडू रोड़ पर सेंट्रो कार में सवार वारिस और उसके साथी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनकी सेंट्रो गाड़ी एक टैंपों से टकरा गई थी। बाद में इलाज के दौरान वारिस की मौत हो गई थी।

वारिस की मौत से पहले एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कुछ लोग वारिस और उनके साथियों से धमकी भरे लहजे में बात कर रहे थे। वीडियो के आधार पर वारिस के परिजनों ने मोनू मानेसर और उनके साथियों पर कथित गौ – तस्करी के आरोप में वारिस की हत्या करने का आरोप लगाया था, लेकिन बाद में नूंह पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जारी कर बताया था कि वारिस की मौत रोड एक्सीडेंट के कारण हुई थी।

वहीं, दूसरा मामला 7 फरवरी को गुरुग्राम के कस्बा पटौदी में हुई फायरिंग से जुड़ा है। यहां की एक लड़की ने दूसरे समुदाय के लड़के से शादी की थी। बाद में दोनों पक्षों के बीच काफी तनाव हुआ और उसमें मोनू मानेसर अपनी टीम के साथ पहुंचा हुआ था। झगड़ा इतना बढ़ा कि दोनों तरफ से फायरिंग हुई और इसमें मोइन नाम के एक युवक को गोली लग गई। इसमें भी मोनू मानेसर पर ही फायरिंग का आरोप लगा। बाद में मोनू ने फायरिंग करने से इंकार कर दिया।

बता दें, कि मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहता है। उसके फेसबुक पर 80 हजार तो यूट्यूब पर 2 लाख फॉलोवर्स है। कथित गौ तस्करों को धमकी और रोड़ पर उनके साथ मुकाबला करते हुए कई बार मोनू मानेसर और उनकी टीम के वीडियो सामने आते रहे हैं।

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Vikas Rana

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