वाराणसी: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वे के लिए रविवार को वाराणसी पहुंच गयी थी. सोमवार यानी आज सुबह से सर्वे की शुरु हो चुका है. ASI टीम में कुल 30 सदस्य मौजूद हैं जो ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे करेंगे. इस टीम के साथ चार वकील भी मौजूद है जो दोनों पक्षों के लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वहीं परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रखी गई है.
एक दिन पहले हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने बताया था कि सोमवार को ASI की टीम सुबह सात बजे से ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण शुरू करेगी. इस दौरान सभी वादियों के एक-एक अधिवक्ता भी मौजूद रहेंगे. बता दें, 21 जुलाई को वाराणसी के जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी है. हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए उन्होंने ये फैसला सुनाया जहां कोर्ट ने विवादित हिस्से को छोड़ कर पूरे परिसर की ASI सर्वे को मंजूरी मिली है.
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी मस्जिद मामले में बताया कि कोर्ट ने ASI सर्वे का आदेश दे दिया है. बता दें, इस सर्वे के बाद ASI की टीम को चार अगस्त को जिला जज को रिपोर्ट देनी होगी.
इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए कथित शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट के निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी. गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक पक्ष विवादित ढांचे के शिवलिंग होने का दावा करता है तो दूसरा पक्ष उसे फव्वारा बताता है. 6-7 मई को कोर्ट कमिश्वर अजय मिश्रा ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था. जिसकी रिपोर्ट के अनुसार परिसर की दीवारों पर देवी-देवताओं की कलाकृति, कमल की कुछ कलाकृतियां और शेषनाग जैसी आकृति बनी हुई थीं.
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