नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज उद्धव ठाकरे की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन्होंने निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी थी. दरअसल 17 फरवरी को आयोग ने लंबे समय से शिवसेना के नाम और चिन्ह को लेकर चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाया था. यह फैसला शिंदे गुट के हक़ में […]
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज उद्धव ठाकरे की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन्होंने निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी थी. दरअसल 17 फरवरी को आयोग ने लंबे समय से शिवसेना के नाम और चिन्ह को लेकर चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाया था. यह फैसला शिंदे गुट के हक़ में आया था. इसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की है और निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से उद्धव गुट को अभी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है.
Supreme Court refuses to stay Election Commission's order and says "We cannot stay an order at this stage". SC clarifies Uddhav Thackeray camp can pursue other remedies of law if any action is taken which is not based on the EC order.
SC lists the matter after 2 weeks#ShivSena
— ANI (@ANI) February 22, 2023
कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को ही बरकरार रखा है यानी शिवसेना का नाम और धनुष बाण दोनों ही शिंदे गुट के पास ही रहने वाले हैं.साथ ही शीर्ष न्यायलय ने कहा है कि उद्धव गुट को जो टॉर्च और मशाल वाला चुनावी चिन्ह दिया गया था, वहीं आगे भी जारी रह सकता है.
निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद पहले ही शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और चिन्ह मिल चुका है और अब दफ्तर पर भी शिंदे गुट ने अपना कब्जा जमा लिया है. दरअसल विधानसभा स्थित शिवसेना के दफ्तर को अब शिंदे गुट के हवाले कर दिया गया है. बीते दिनों शिंदे गुट के नेताओं ने विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से इसकी मांग की थी। जिसके बाद विधानसभा स्पीकर ने यह फैसला लिया और शिवसेना के ऑफिस को शिंदे गुट के हवाले कर दिया गया.
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने भी ठाकरे को झटका देते हुए उनकी उस याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए इनकार कर दिया है जिसमें EC के फैसले को चुनौती दी गई थी.जहां कोर्ट ने उद्धव ठाकरे के वकील से कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई नही हो सकती. बेंच ने कहा कि आप कल एक बार फिर याचिका दायर करें जिसपर विचार किया जाएगा. बता दें, इस याचिका में निर्वाचन आयोग के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें शिवसेना का नाम और चिन्ह शिंदे गुट को सौंप दिया गया. अब आधिकारिक रूप से शिवसेना के नाम और तीर कमान पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट का अधिकार है.
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