महाराष्ट्र सियासी संकट : कल होगा फ्लोर टेस्ट, उद्धव पहले ही दे सकते हैं इस्तीफ़ा

मुंबई, महाराष्ट्र सरकार के सियासी बवाल के बीच अब सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर अपना फैसला सुना दिया है. कल यानी गुरुवार के दिन महाराष्ट्र सरकार विधानसभा में बहुमत परीक्षण देगी. जहां यह परिक्षण सुबह 11 बजे किया जाएगा. सर्वोच्च न्यायलय ने राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट को मंजूरी दे दी है. इसी बीच ख़बरों […]

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महाराष्ट्र सियासी संकट : कल होगा फ्लोर टेस्ट, उद्धव पहले ही दे सकते हैं इस्तीफ़ा

Riya Kumari

  • June 29, 2022 8:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई, महाराष्ट्र सरकार के सियासी बवाल के बीच अब सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर अपना फैसला सुना दिया है. कल यानी गुरुवार के दिन महाराष्ट्र सरकार विधानसभा में बहुमत परीक्षण देगी. जहां यह परिक्षण सुबह 11 बजे किया जाएगा. सर्वोच्च न्यायलय ने राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट को मंजूरी दे दी है. इसी बीच ख़बरों की मानें तो किसी भी समय सीएम उद्धव ठाकरे अपना इस्तीफ़ा भी दे सकते हैं. बता दें, इस बात की सम्पूर्ण संभावना है कि सीएम अब अपना पद छोड़ दें. जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान ही सीएम के इस्तीफे को लेकर खबर आ रही थीं.

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 30 जून यानी की कल सदन में. बहुमत साबित करने के निर्देश दिए गए थे. भाजपा की मांग पर फ्लोर टेस्ट नोटिस जारी किया गया था. जहां शिवसेना ने राज्यपाल के इस नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अब इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ये फैसले सुनाया है.

 

नहीं ली गई CM-मंत्रिमंडल की सलाह

सिंघवी के सभी तर्कों को लेकर सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं दिखाई दी. SC में सुनवाई के दौरान सिंघवी ने शिवसेना का पक्ष रखते हुए कहा था कि राज्यपाल ने सत्र बुलाने से पहले न ही CM और न ही मंत्रिमंडल से सलाह ली. जबकि इस मामले में उन्हें पूछना चाहिए था. सिंघवी आगे कहते हैं, राज्यपाल मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के बजाय फडणवीस के इशारे और सलाह पर काम कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान सिंघवी ने अपने बयान को दोहराया कि “कोई सड़क से उठकर फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं कैसे हो सकता है. जो सदन का सदस्य नहीं है उसे वोट डालने की इजाजत कैसे दी जा सकती है?”

समर्थन चिट्ठी का भी ज़िक्र

सुनवाई के दौरान SC ने उन 34 विधायकों की समर्थन वाली चिट्ठी का भी जिक्र किया। यह चिट्ठी राज्यपाल को दी गई थी. कोर्ट ने पूछा कि क्या सिंघवी इस चिट्ठी पर भी सवाल उठाते हैं? इस सवाल पर सिंघवी ने कहा कि इस चिट्ठी की विश्वसनीयता को लेकर किसी को कोई जानकारी नहीं है. जहां राज्यपाल ने एक हफ्ते तक चिट्ठी पर कोई एक्शन नहीं लिया था. जब विपक्ष से उनकी मुलाकात हुई तो उन्होंने एक्शन लिया।

 

 

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