लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल अब ख़त्म हो गई है. रविवार(19 मार्च) को बिजली कर्मचारियों ने अपना कार्य बहिष्कार वापस ले लिया है और हड़ताल ख़त्म कर दी गई है. बता दें, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कर्मचारियों को सरकार द्वारा किए गए सभी समझौतों को […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल अब ख़त्म हो गई है. रविवार(19 मार्च) को बिजली कर्मचारियों ने अपना कार्य बहिष्कार वापस ले लिया है और हड़ताल ख़त्म कर दी गई है. बता दें, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कर्मचारियों को सरकार द्वारा किए गए सभी समझौतों को लागू करवाने का ऐलान किया है. दूसरी ओर ऊर्जा मंत्री एके.शर्मा ने संघर्ष समिति को भी आश्वासन दिया है कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियो के खिलाफ की गई पूरी कार्रवाई को वापस लिया जाए.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा UPPCL चेयरमैन को भी निर्देश दिए हैं कि कर्मचारियों के खिलाफ की गई सभी कार्रवाई को वापस लिया जाए जो हड़ताल के दौरान पर उनपर की गई थी. इसमें कर्मचारियों पर की गई FIR भी शामिल है जिसे अब निलंबित कर दिया गया. इसके अलावा कुछ कर्मचारियों को हड़ताल के दौरान निलंबित भी किया गया था जिस आदेश को भी शीघ्र ही वापस ले लिया गया है. अब मंत्री की बात मानते हुए कर्मचारियों ने भी अपनी हड़ताल वापस ले ली है.
ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा है कि आने वाले समय में संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए बातचीत के माध्यम से सारे मुद्दों को हल किया जाएगा. साथ ही प्रदेश में बाधित विद्युत आपूर्ति को फिर से संचालित करने के आदेश दिए हैं. सभी कर्मचारियों से ये अनुरोध किया गया है कि जो भी अपने कार्यस्थल पर नहीं है वह तुरंत अपना कार्यस्थल पर जाकर काम शुरू करे.
3 दिसंबर 2022 को प्रदेश सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच समझौता हुआ था। समझौते में सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने समझौते के बिंदुओं को लागू करने के लिए 15 दिन का समय मांगा था मगर अब तीन महीने से ज्यादा वक्त गुजर चुका है समझौते पर अमल नहीं हुआ है।
बता दें, समझौते में बिजली विभाग में नियुक्त किए जाने वाले ऊर्जा निगमों के चैयरमेन और प्रबन्ध निदेशक के चयन करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी को गठित किया जाना था जिसके जरिए बिजली विभाग में नियुक्तियां होनी थी। लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर अमल नहीं किया है। इसके अलावा कर्मचारियों की मुख्य मांगों में 19 वर्ष की सेवा के बाद तीन प्रमोशन वेतनमान दिए जाने, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने और विद्युत उपकेंन्द्रों के परिचालन और अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बंद करना प्रमुख रूप से शामिल है।
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