मुंबई : चुनाव आयोग ने अब शिवसेना के सिंबल पर बड़ा फैसला दिया है. शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष-बाण पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में अब अगामी अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट में से किसी को भी ये चुनाव चिन्ह नहीं दिया जाएगा. 10 अक्टूबर तक का […]
मुंबई : चुनाव आयोग ने अब शिवसेना के सिंबल पर बड़ा फैसला दिया है. शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष-बाण पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में अब अगामी अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट में से किसी को भी ये चुनाव चिन्ह नहीं दिया जाएगा.
इस सिलसिले में आयोग ने दोनों गुटों को 10 अक्टूबर दोपहर 1 बजे तक का समय दिया है. तब तक दोनों गुटों को अपने-अपने चुनाव चिन्ह पेश करने होंगे. दोनों पक्ष फ्री सिंबल्स में से अपनी प्राथमिकता और पसंद के आधार पर अपना चिन्ह बता सकेंगे. बता दें, शनिवार, 8 अक्टूबर को जारी किए गए अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा कि धनुष और तीर’चुनाव चिन्ह के साथ शिवसेना पूरे महाराष्ट्र में एक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी बन चुकी है. संविधान के प्रावधानों के अनुसार, शिवसेना के शीर्ष स्तर पर पार्टी में एक प्रमुख और एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी ही हैं.
अपने इस आदेश में चुनाव आयोग ने आगे कहा, पिछली 25 जून, 2022 को उद्धव ठाकरे की ओर से अनिल देसाई ने आयोग को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित भी किया था. उन्होंने ‘शिवसेना या बालासाहेब’ के नामों का उपयोग कर पार्टी स्थापित करने पर आपत्ति भी जताई थी.
अनिल देसाई द्वारा 01.07.2022 को भेजे गए ईमेल 30.06.2022 को जारी 3 पत्र अटैच किए गए थे. इस मेल में इस बात का ज़िक्र था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले चार सदस्यों ने अपनी इच्छा से पार्टी की सदस्यता छोड़ी है. इस कारण इन सभी सदस्यों को शिवसेना नेता के उपनेता के पद से हटाया गया है. इनमें एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, तांजी सावंत और उदय सामंत के नाम शामिल थे. साथ ही उद्धव ठाकरे के शिवसेना प्रमुख होने की बात कही गई थी. जिसके बाद शिंदे गुट की ओर से भी शिवसेना के इलेक्शन सिंबल पर दावा किया गया.
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