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मुंबई की माहिम दरगाह से लेकर दिल्ली के जामा-मस्जिद तक देखें ईद-उल-अजहा की तस्वीरें

नई दिल्ली: आज देश भर में ईद-उल-अजहा उर्फ़ बकरा ईद मनाई जाएगी जिसे लेकर कई शहरों से नमाज़ अदा करने की तस्वीरें सामने आ रही हैं. गुरुवार यानी आज सुबह बड़ी संख्या में लोग मुंबई और दिल्ली की प्रमुख दरगाहों और मस्जिदों में नमाज़ अदा करने के लिए जमा हुए. #WATCH | Mumbai: Devotees offer […]

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मुंबई की माहिम दरगाह से लेकर दिल्ली के जामा-मस्जिद तक देखें ईद-उल-अजहा की तस्वीरें
  • June 29, 2023 7:05 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: आज देश भर में ईद-उल-अजहा उर्फ़ बकरा ईद मनाई जाएगी जिसे लेकर कई शहरों से नमाज़ अदा करने की तस्वीरें सामने आ रही हैं. गुरुवार यानी आज सुबह बड़ी संख्या में लोग मुंबई और दिल्ली की प्रमुख दरगाहों और मस्जिदों में नमाज़ अदा करने के लिए जमा हुए.

गले मिलकर दी मुबारकबाद

दिल्ली में भी ईद-उल-अजहा(बकरीद) पर जामा मस्जिद में नमाज़ अदा करने लोग इकट्ठा होना शुरू हुए. जहां सुबह-सुबह जामा मस्जिद की रौनक देखते नहीं बन रही है. जहां ईद-उल-अजहा(बकरीद) के अवसर पर नमाज़ पढ़ने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी. वहीं महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भी बड़ी धूम-धाम से ईद मनाई जा रही है जहां मुंबई की माहिम दरगाह में लोगों ने ईद-उल-अजहा(बकरीद) के मौके पर नमाज अदा की और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद भी दी.

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

बता दें, ईद के मौके पर प्रशासन भी चौकन्ना दिखाई दे रहा है जहां शहर की प्रमुख मस्जिदों के बाद सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम दिखाई दे रहे हैं. जामा मस्जिद के पास भी ईद-उल-अजहा के अवसर पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम देखने को मिल रहे हैं जहां भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

जानें इतिहास

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ज़ुल-हिज्जा महीने में मुस्लिम समुदाय के ज्यादातर लोग हज करते हैं. दरअसल ईद-उल-अजहा के दिन मक्का की वार्षिक हज यात्रा का समापन होता है. ज़ुल-हिज्जा के 10वें दिन बकरीद या ईद-उल-अजहा सेलिब्रेट करते हैं. ईद-उल-अजहा के दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. चलिए जानते हैं बकरीद या ईद-उल-अजहा का इतिहास और साथ ही इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें-

– इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, बताया जाता है कि हजरत इब्राहिम ने अपने सपने में देखा था कि वे अपने सबसे प्रिय बेटे की कुर्बानी दे रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने इस सपने को अल्लाह का संदेश मानकर अपने 10 वर्ष के बेटे को कुर्बान करने का निर्णय लिया.

– उस दौरान अल्लाह ने उनको बेटे की जगह एक जानवर की कुर्बानी देने का संदेश दिया था. तब उन्होंने बेटे के बदले सबसे ​प्रिय बकरे को अल्लाह की राह पर कुर्बान कर दिया. तब से ही बकरीद पर कुर्बानी देने की परंपरा जारी है.

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