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8000 के पार पहुंची भूकंप से जान गवाने वालों की संख्या, मलबे में तब्दील हुआ शहर

नई दिल्ली: इस समय तुर्की इतिहास के सबसे दर्दनाक भूकंप को झेल रहा है. अब तक इस विनाशकारी भूकंप ने 8000 से अधिक लोगों की जान ले ली है. मौत का आंकड़ा समय के साथ-साथ बढ़ता ही जा रहा है. दूसरी ओर मौसम ने भी पीड़ित देश की समस्या बढ़ा दी है. जहां बर्फ़बारी से […]

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  • February 8, 2023 8:22 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: इस समय तुर्की इतिहास के सबसे दर्दनाक भूकंप को झेल रहा है. अब तक इस विनाशकारी भूकंप ने 8000 से अधिक लोगों की जान ले ली है. मौत का आंकड़ा समय के साथ-साथ बढ़ता ही जा रहा है. दूसरी ओर मौसम ने भी पीड़ित देश की समस्या बढ़ा दी है. जहां बर्फ़बारी से मलबे के पहाड़ ढक गए हैं.

WHO को भारी तबाही की आशंका

WHO ने इस भूकंप को लेकर आशंका जाहिर की है कि मरने वालों की संख्या 20 हजार तक जा सकती है. इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि इस भूकंप से देश भर के कुल 2.3 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं. बढ़ते जा रहे मौत के इन आंकड़ों के बीच तुर्की में इस समय बड़े स्तर पर राहत बचाव कार्य जारी है. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने बड़े पैमाने पर भूकंप से प्रभावित प्रांतों में अगले तीन महीने के लिए आपातकाल की घोषणा की है. इस बीच दुनिया भर के देश भी तुर्की की मदद के लिए आगे आए हैं जिनमें भारत का नाम भी शामिल है.

विशेष कुत्तों की मदद

बता दें, मलबों में इंसानों की तलाश में मेक्सिको के चर्चित रेस्क्यू डॉग भी मदद करने पहुँची है. ये मेक्सिको के कुत्ते अपने ट्रेन्ड और विशेष खोजी विशेषता के लिए जाने जाते हैं. इन ख़ास 16 कुत्तों की टीम को मेक्सिको से तुर्की भेजा गया है. उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेट के किनारे स्थित तुर्की में भूकंप एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है.

ऐतहासिक मस्जिद हुई तबाह

तुर्की की ऐतिहासिक मस्जिद भी इस भूकंप में तबाह हो गई है. मालाटया शहर में स्थित यह ऐतिहासिक येनी कैमी (Yeni Camii) मस्जिद अब तुर्की के खंडहर में तब्दील हो गई है. बता दें, यह 100 साल से अधिक पुरानी मस्जिद थी. लेकिन भूकंप और भारी तबाही ने इसे भी तहस-नहस हो कर दिया है. इससे 100 सालों का इतिहास जुड़ा हुआ था जो अब मलबे में बदल गया है.

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