नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में इस समय बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली के कई इलाके इस समय जलमग्न हैं जहां बस अड्डे से लेकर ITO तक का पूरा इलाका तालाब बन चुका है. एक ओर यमुना का जलस्तर कम तो हुआ है लेकिन दिल्लीवासियों की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं. अब दिल्ली के […]
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में इस समय बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली के कई इलाके इस समय जलमग्न हैं जहां बस अड्डे से लेकर ITO तक का पूरा इलाका तालाब बन चुका है. एक ओर यमुना का जलस्तर कम तो हुआ है लेकिन दिल्लीवासियों की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं. अब दिल्ली के लोगों के आगे नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं.
अब दिल्ली के लोगों के आगे गंदगी के साथ-साथ बीमारी, पीने के साफ़ पानी जैसी कई समस्याएं हैं. इस बीच बच्चों के डूबने के मामले डरा रहे हैं. शनिवार को दिल्ली में एक बार फिर डूबने से तीन बच्चों की मौत हुई है. तीनों बच्चों की मौत गड्ढे में भरे पानी में डूबकर हुई है. ये मामला दिल्ली के द्वारका सेक्टर-23 थाना क्षेत्र से सामने आया है. जानकारी के अनुसार सेक्टर 19 में गोल्फ कोर्स लाइन में अंडर कंस्ट्रक्शन की जगह में बने गड्ढे में भरे बाढ़ के पानी में तीनों बच्चे डूब गए. हालांकि पुलिस ने इसे एक्सीडेंटल डेथ करार दिया है. दरअसल शनिवार को चार बच्चे पानी में तैरने के लिए दीवार से नीचे कूद थे जिनमें से तीन बच्चों की मौत हो गई.
बता दें, इससे पहले शनिवार को भी दिल्ली के मुकुंदपुर चौक इलाके से तीन बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. जानकारी के अनुसार तीनों बच्चे बारिश में नहाने गए थे जिसके बाद तीनों पानी से भरे गड्डे में जा गिरे. गड्डे में पानी इतना ज़्यादा था कि तीनों की डूबकर मौत हो गई. तीनों बच्चे जहांगीर पुरी के एच-ब्लॉक के रहने वाले थे. इतना ही नहीं दिल्लीवासियों के आगे अब तीन और बड़ी समस्या है. ये समस्या सड़कों पर गंदे पानी से बीमारी फैलने का डर, साफ पानी की किल्लत और बारिश होने से फिर जलभराव का डर है.
ऐसे में भले ही यमुना नदी का जलस्तर कम हो रहा हो लेकिन लोगों की मुसीबत अभी भी उतनी ही है. जब दिल्ली की सड़कों और रिहायशी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी पीछे हट जाएगा तो सड़को पर गंदगी और बीमारी का अंबार लग जाएगा.