नई दिल्ली: 22 जनवरी को प्रभु राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस समारोह के लिए अवध में जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही हैं. इस बीच देवराहा बाबा की एक तस्वीर इंटरनेट पर बहुत तेजी से वायरल हो रही है. इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे देवरहा बाबा (Devraha Baba) ने साल 1989 में ही राम मंदिर निर्माण की शुरुआत कर दी थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि देवरहा बाबा ने राम शिला मुवमेंट की शुरुआत की थी. यह तस्वीर 6 मई 1989 की है. इस दिन वृंदावन में विश्व प्रसिद्ध देवरहा बाबा ने श्री राम मंदिर निर्माण हेतु रामशिला प्रदान किया था. वहीं, इस तस्वीर में रामशिला प्राप्त करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी श्रीष चंद दीक्षित हैं जो 1984 में रिटायर होने के बाद विश्व हिंदू परिषद में आ गए थे. इन्होंने पूरे देश में देवरहा बाबा द्वारा प्रदत रामशिलाओं का भ्रमण कर पूजन करवाया था.
जब हमने इस तस्वीर के इतिहास को खंगाला तो पता चला कि यह तस्वीर साल 2020 में ही सोशल मीडिया पर अपलोड हुई थी. इसे 5 अगस्त 2020 को संजय दीक्षित ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से शेयर किया था. उन्होंने लिखा था कि यह इस तस्वीर में राम शिला को लिए हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी श्रीष चंद दीक्षित उनके मामा ससुर हैं यानी उनकी पत्नी के मामा हैं. संजय ने इसके साथ ही लिखा था कि आज श्रीष चंद दीक्षित की आत्मा को शांति मिली होगी. बता दें कि 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई थी.
राम मंदिर निर्माण में 1989 का साल बहुत मायने रखता है. इसी साल राम मंदिर शिलान्यास से पहले पूरे देश में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इसके लिए अभियान चलाया था. कहा जाता है कि 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर के लिए विहिप ने जब शिलान्यास की तिथि घोषित की, तो ये भी देवरहा बाबा (Devraha Baba) के आदेश पर ही तय हुआ था. इसके लिए देश के सभी हिंदू एकजुट हुए थे और देशभर में शिलान्यास के लिए यात्राएं आयोजित की गई थीं. बता दें कि राम मंदिर शिलान्यास के लिए ही 8 अप्रैल 1984 को दिल्ली के विज्ञान भवन में एक विशाल धर्म संसद का भी आयोजन किया गया था, जिसके बाद यह यात्राएं शुरु हुईं.
इसके बाद 9 नवंबर 1989 को विहिप ने हजारों हिंदू समर्थकों संग अयोध्या में राम जन्म भूमि का शिलान्यास किया था. एक दलित युवक कामेश्वर चौपाल ने हजारों राजनैतिक हस्तियों और बड़े-बड़े साधु-संतों की मौजूदगी में राम मंदिर के नींव की पहली ईंट रखी थी. बता दें कि जब विवादित स्थल के पास राम मंदिर की नींव रखी गई, उस वक्त राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे. उसी साल चुनाव भी होने वाले थे, तो उन्होंने हिन्दुओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दबाव में आकर हिंदू संगठनों को विवादित स्थल के पास राम मंदिर के शिलान्यास की इजाजत दे दी थी.
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