दिल्ली हिंसा: नई दिल्ली। देश की राजधानी शनिवार की रात हिंसा की आग में फिर से झुलस गई. हनुमान जयंती के अवसर पर जहांगीरपुरी इलाके में देर शाम को निकली शोभायात्रा के दौरान जमकर उपद्रव, पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना हुई. इसके बाद दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मोर्चा संभालने के बाद स्थिति […]
नई दिल्ली। देश की राजधानी शनिवार की रात हिंसा की आग में फिर से झुलस गई. हनुमान जयंती के अवसर पर जहांगीरपुरी इलाके में देर शाम को निकली शोभायात्रा के दौरान जमकर उपद्रव, पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना हुई. इसके बाद दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मोर्चा संभालने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लिया गया।
हनुमान जयंती के दिन हुए इस उपद्रव को लेकर दोनों पक्षों के अपने दावे है. शोभायात्रा निकालने वाले लोगों का कहना है कि पीछे से पथराव किया गया तो वहीं दूसरे पक्ष का दावा है कि शोभायात्रा की आड़ में उनके धार्मिक स्थल में घुसने का प्रयास किया गया. जिसके बाद उपद्रव शुरू हुआ।
उपद्रव स्थल के आस-पास रहने वाले स्थानीय लोगों की माने तो हनुमान जयंती के दिन सुबह से ही कई शोभायात्रा निकल रही थी. हमेशा की तरह सबकुछ शांति पूर्वक हो रहा था. लेकिन इस बार कुछ लोगों ने एक पक्ष के धार्मिक स्थल पर घुसने और वहां पर झंडा लगाने की कोशिश की. जिसके बाद विवाद शुरू हुआ।
जहांगीरपुरी में शनिवार शाम हुई इस घटना पर जमीयत उलेमा हिंद दिल्ली के मोहम्मद आबिद ने कहा कि जिस समय ये शोभा यात्रा उस इलाके से गुजर रही थी. शोभायात्रा में शामिल कुछ लोगों ने जबरदस्ती धार्मिक स्थल में घुसने और अपना झंडा लगाने की कोशिश की, ये पहली बार हुआ है. इससे पहले हमेशा से शोभायात्रा शांतिपूर्वक निकलती रही है।
इस पूरी घटना को लेकर शोभायात्रा निकालने वाले पक्ष का कहना है कि जब शोभायात्रा दूसरे पक्ष के धार्मिक स्थल से गुजरी, उसी वक्त अचानक पथराव शुरू हो गया. शोभायात्रा निकालने वाले दूसरे पक्ष के लोगों ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष ने पथराव और हिंसा के साथ-साथ गाड़ियों में तोड़फोड़ की और दुकानों में लूटपाट की।
बता दें कि, हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस का दावा है कि हालात को नियंत्रण में ले लिया गया है. हालांकि इलाके में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है. जहांगीरपुरी की गलियों और सड़को पर हिंसा, उपद्रव के निशान स्थिति को गंभीरता को बता रहे है।