Delhi: मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी टेस्ट के जरिए हुआ अरबों का घोटाला, BJP का केजरीवाल सरकार पर आरोप

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कथित आबकारी नीति घोटाले में पार्टी के कई बड़े नेता सलाखों के पीछे हैं, वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है. इस बीच AAP सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मोहल्ला क्लीनिक’ में भी बड़े […]

Advertisement
Delhi: मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी टेस्ट के जरिए हुआ अरबों का घोटाला, BJP का केजरीवाल सरकार पर आरोप

Vaibhav Mishra

  • January 4, 2024 4:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कथित आबकारी नीति घोटाले में पार्टी के कई बड़े नेता सलाखों के पीछे हैं, वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है. इस बीच AAP सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मोहल्ला क्लीनिक’ में भी बड़े घोटाले का आरोप लगा है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मोहल्ला क्लीनिक में हुए कथित ‘फर्जी लैब टेस्ट घोटाले’ की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है.

दारू की तरह ही दवा घोटाला

भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि दारू की तरह ही अरविंद केजरीवाल सरकार ने दवा घोटाले को अंजाम दिया है. मोहल्ला क्लीनिक में लाखों फर्जी टेस्ट के जरिए सरकारी खजाने से अरबों रुपयों की लूट हुई है. वहीं, इन आरोपों से आम आदमी पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया है. केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि ये केंद्र सरकार के अफसरों की जांच है.

क्या है ये पूरा मामला जानिए…

बता दें कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में कई टेस्ट प्राइवेट लैब से कराए जाते हैं. इसी से जुड़ी हुई एक फाइल का निपटारा करते हुए दिसंबर 2022 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इनकी जांच करने को कहा था. जांच में सामने आया है कि बिना मरीजों के ही लाखों टेस्ट कर दिए गए हैं. इसके बाद दिल्ली सरकार के खजाने से इन प्राइवेट लैब्स को पेमेंट किया गया है. मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने मेसर्स मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर लिमिटेड और मेसर्स एजलिस डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड को इसका ठेका दिया है.

फर्जी नंबरों का हुआ इस्तेमाल

जानकारी के मुताबिक जांच के दौरान जुलाई से सितंबर 2023 के बीच समीक्षा की गई. इस दौरान दोनों ही कंपनियों से हुए टेस्ट का डेटा खंगालने में बड़ी गड़बड़ी सामने आई. आरोप है कि अवैध और फर्जी मोबाइल नंबरों से फर्जी मरीजों को पंजीकृत किया गया और फिर उनके नाम पर फर्जी टेस्ट कराए गए. टेस्ट के बदले में सरकारी खजाने से पेमेंट भी हुआ है.

यह भी पढ़ें-

हम सफल नहीं होते तो हमारे नेता जेल नहीं जाते… AAP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बोले केजरीवाल

Advertisement