नई दिल्ली. देशभर में कोरोना Corona के मामलो में लगातार वृद्धि हो रही है। ओमिक्रॉन वेरिएंट Omicron variant भी तेजी से अपने पांव पसार रहा है। वहीं कोरोना का शिकार अब इलाज करने वाले डॉक्टर स्वयं भी बन रहे हैं। दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान AIIMS के साथ कई बड़े सरकारी अस्पतालों के 100 […]
नई दिल्ली. देशभर में कोरोना Corona के मामलो में लगातार वृद्धि हो रही है। ओमिक्रॉन वेरिएंट Omicron variant भी तेजी से अपने पांव पसार रहा है। वहीं कोरोना का शिकार अब इलाज करने वाले डॉक्टर स्वयं भी बन रहे हैं। दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान AIIMS के साथ कई बड़े सरकारी अस्पतालों के 100 से ज्यादा डॉक्टर कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में चिकित्सकों की कमी के चलते राजधानी के स्वास्थ्य ढांचे के आगे बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
कोरोना की लड़ाई लड़ने वाले डॉक्टर ही अब उसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक दिल्ली एम्स (AIIMS) के कम से कम 50 डॉक्टर, सफदरजंग अस्पताल के 26 डॉक्टर, राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल के 38 डॉक्टर और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के कम से कम 20 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में भी 7 डॉक्टर कोरोना संक्रमित हुए हैं। अस्पताल की डिप्टी स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ ऋतु सक्सेना ने इस खबर की पुष्टि की है। फिलहाल सभी संक्रमित डॉक्टरों को होम क्वारंटीन किया गया है।
डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का असर अब अस्पतालों में पड़ने लगा है। दिल्ली में कोरोना संक्रमित और वेंटिलेटर की जरुरत वाले मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स को मुस्तैद रहने के आदेश दिये हैं। 50 बेड से ज्यादा की क्षमता वाले सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स से 40 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने को कहा गया है। वहीं एम्स प्रशासन ने अपने स्वास्थ्य कर्मियों की सर्दियों की छुट्टियां रद्द कर दी है।
फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के अध्यक्ष डॉ मनीष जांगरा ने सरकार को स्वास्थ्य संकट की चेतावनी दी है। उनके अनुसार इस समय अस्पतालों को दो-तिहाई कर्मियों के साथ संचालित किया जा रहा है, जबकी ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर के आने पर स्थिति कंट्रोल से बाहर हो जाएगी।