नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया महासचिव डी राजा से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सीपीआई का समर्थन मांगा. राजधानी दिल्ली स्थित CPI मुख्यालय पर दोनों नेताओं की यह मुलाकात हुई. बता दें कि इससे […]
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया महासचिव डी राजा से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सीपीआई का समर्थन मांगा. राजधानी दिल्ली स्थित CPI मुख्यालय पर दोनों नेताओं की यह मुलाकात हुई.
बता दें कि इससे पहले केजरीवाल ने नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, केसीआर, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन और अखिलेश यादव से मुलाकात की थी.
Delhi | CM Arvind Kejriwal meets D Raja, General Secretary of Communist Party of India, to seek CPI's support on the Centre's ordinance against Delhi government pic.twitter.com/NTEopMKWqU
— ANI (@ANI) June 14, 2023
इन विपक्षी नेताओं से भी की मुलाकात
इससे पहले केजरीवाल ने 22 मई को दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इसके बाद 23 मई को वे कोलकाता में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिले थे, फिर 24 मई को केजरीवाल मुंबई पहुंचे, यहां उन्होंने मातोश्री पहुंचकर शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. 25 मई को AAP संयोजक ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उनके मुंबई में स्थित आवास पर मुलाकात की. इसके बाद केजरीवाल ने 27 मई को हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर से मुलाकात की थी. फिर 1 जून को चेन्नई में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और 2 जून को रांची में हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी. इसके बाद केजरीवाल 7 जून को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मिले थे.
केंद्र सरकार लेकर आई है अध्यादेश
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने 19 मई की देर रात अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार अरविंद केजरीवाल सरकार को दिया था. अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जाएगी. इसमें तीन सदस्य- मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव होंगे. यह कमेटी बहुमत के आधार पर कोई भी फैसला लेगी. अगर कमेटी में फैसले को लेकर कोई विवाद पैदा होता है तो अंतिम फैसला उपराज्यपाल करेंगे. अब 6 महीने के अंदर संसद में इससे जुड़ा कानून भी बनाया जाएगा.
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