नई दिल्ली। केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में सियासी भूचाल आ गया है. राज्य की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना बताया है. AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वे […]
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में सियासी भूचाल आ गया है. राज्य की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना बताया है. AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वे एक तानाशाह हैं. वे लोकतंत्र, संविधान और सुप्रीम कोर्ट में विश्वास नहीं करते हैं.
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को अधिकार मिलने से केंद्र सरकार डर गई है, इसलिए वो यह अध्यादेश लेकर आई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को विधानसभा की 90 प्रतिशत सीट दी है, लेकिन वे अब सरकार नहीं चला सकते हैं.
उधर, भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश का स्वागत किया है. दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि जिस प्रकार अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के प्रशासन को बदनाम कर मनमानी करने का प्रयास किया है, उसके चलते केंद्र सरकार यह अध्यादेश लाई है. हम इसका स्वागत करते हैं.
बता दें कि, केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जाएगी. इसमें तीन सदस्य- मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव होंगे. यह कमेटी बहुमत के आधार पर कोई भी फैसला लेगी. अगर कमेटी में फैसले को लेकर कोई विवाद पैदा होता है तो अंतिम फैसला उपराज्यपाल करेंगे.
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