Gyanwapi Survey: सर्वे रोकने वाली याचिका पर SC में देर से सुनवाई, CJI ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में आज से ASI का सर्वे शुरू हो गया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की 40 सदस्यीय टीम ये वैज्ञानिक सर्वे कर रही है. इस दौरान वजूखाने में सर्वे नहीं किया जाएगा और बाकी परिसर का सर्वेक्षण किया जा रहा है. 4 अगस्त तक ASI को सर्वे की […]

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Gyanwapi Survey: सर्वे रोकने वाली याचिका पर SC में देर से सुनवाई, CJI ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Riya Kumari

  • July 24, 2023 11:21 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में आज से ASI का सर्वे शुरू हो गया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की 40 सदस्यीय टीम ये वैज्ञानिक सर्वे कर रही है. इस दौरान वजूखाने में सर्वे नहीं किया जाएगा और बाकी परिसर का सर्वेक्षण किया जा रहा है. 4 अगस्त तक ASI को सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौपनी है. सर्वे को लेकर प्रशासन सतर्क नज़र आ रहा है जहां परिसर के बाहर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है. इसी क्रम में मुस्लिम पक्ष ने सर्वे को रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

 

मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर अपील

इसी बीच मुस्लिम पक्ष सर्वे रुकवाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. बता दें, फिलहाल ASI की टीम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में खुदाई और सर्वे कर रही है. ऐसे में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर अपील पर सीजेआई ने कहा कि एएसआई खुदाई न करे और सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुनवाई करते हुए SG को सर्वे की जानकारी देने के लिए कहा है. साथ ही ASI को सर्वे की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को देने के लिए कहा गया है.

पूरे मामले को जानिए

ज्ञानवापी की चर्चा पिछले साल से शुरू हुई है जहां अगस्त 2021 को पांच महिलाओं द्वारा वाराणसी के सिविल जज के सामने एक वाद दायर किया गया था. इस वाद में महिलाओं ने कोर्ट से श्रृंगार गौरी मंदिर में रोज़ाना पूजा करने और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी. जज रवि कुमार दिवाकर ने याचिका पर मस्जिद परिसर का एडवोकेट सर्वे कराने का आदेश जारी किया था. कोर्ट के आदेश के बाद पिछले साल तीन दिन तक सर्वे किया गया था जिसके बाद हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में शिवलिंग होने का दावा किया था. हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद असल में मंदिर है जिसे बाद में मस्जिद का रूप दिया गया.

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