देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून इस समय युवाओं के प्रदर्शन को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. गुरुवार सुबह परीक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग लेकर धरना कर रहे युवाओं पर हुए लाठीचार्ज का जमकर विरोध किया जा रहा है. जहां कांग्रेसियों ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया है. विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम […]
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून इस समय युवाओं के प्रदर्शन को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. गुरुवार सुबह परीक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग लेकर धरना कर रहे युवाओं पर हुए लाठीचार्ज का जमकर विरोध किया जा रहा है. जहां कांग्रेसियों ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया है. विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत भी युवाओं को अपना समर्थन देने पहुंचे थी. जिस बीच उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आ रही है.
दरअसल पूर्व सीएम हरीश रावत की तबीयत घंटाघर के पास विरोध प्रदर्शन के दौरान बिगड़ गई। जानकारी के अनुसार उन्हें अब अस्पताल लेकर जाया जा रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी इस दौरान धरने पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठे हैं। पहाड़ से लेकर मैदान तक आज यानी शुक्रवार(10 फरवरी) को लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. खुद विपक्षी पार्टियां भी अब इस आंदोलन में कूद पड़ी है और इस छात्र आंदोलन ने अब सियासी मोड़ लेना शुरू कर दिया है. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी भी प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी दिखाई दे रही है.
पुलिस मुख्यालय की ओर कूच करते हुए जब कांग्रेसियों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग भी लगाई. लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। बता दें, वह देहरादून कांग्रेस भवन से कुछ दूरी पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत जमीन पर लेट गए। इस बीच उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने उन्हें एक एंबुलेंस के जरिए रायपुर थाना पहुंचाया.
बता दें कि लाठीचार्ज के विरोध में आज उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने प्रदेश बंद का आह्वान किया है। इसे देखते हुए राजधानी देहरादून और ऋषिकेश में प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है।
गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मुख्य राजपुर रोड पर भर्तियों में गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। पुलिस द्वारा बताया गया कि पहले प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया इसके बाद लाठीचार्ज किया गया।
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