नई दिल्ली: दो दिन बाद चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के तटीय इलाके में प्रवेश कर जाएगा. ये तूफ़ान अरब सागर से होता हुआ भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है जिसे लेकर मौसम विभाग लगातार चेतावनी दे रहा है. आशंका है कि 15 जून को ये तूफ़ान भारत में प्रवेश कर जाएगा जिसके लिए […]
नई दिल्ली: दो दिन बाद चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के तटीय इलाके में प्रवेश कर जाएगा. ये तूफ़ान अरब सागर से होता हुआ भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है जिसे लेकर मौसम विभाग लगातार चेतावनी दे रहा है. आशंका है कि 15 जून को ये तूफ़ान भारत में प्रवेश कर जाएगा जिसके लिए पहले से ही बचाव कार्य शुरू हो गया है. बचाव के तौर पर भारत के तटीय इलाके में बसी आबादी को धीरे-धीरे स्थानांतरित किया जा रहा है. बता दें, ये चक्रवाती तूफ़ान केरल, कर्नाटक और गोवा से होते हुए गुजरात और महाराष्ट्र में अपना असर दिखाएगा. हालांकि ये तूफ़ान ना केवल भारत बल्कि पाकिस्तान के भी कई इलाकों को प्रभावित करेगा.
दरअसल मौसम विभाग के अनुसार 14 तारीख की सुबह तक Cyclone Biparjoy उत्तर की ओर बढ़ेगा. इसके बाद ये उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ेगा और कई इलाकों को प्रभावित करेगा. 15 जून की दोपहर तक ये तूफ़ान सौराष्ट्र और कच्छ को पार करते हुए जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच के सभी पाक तटों को पर करेगा.
पाकिस्तान मौसम विभाग ने भी इस चक्रवात को देखते हुए अपनी कमर कस ली है. इस दौरान कराची में बादल फटने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं. कराची में बादल फटने जैसी घटनाओं से बचाव करने के लिए पहले ही सिंध में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है. यहां सेना को तैनात कर दिया गया है वहीं निचले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को भी स्थानांतरित किया जा रहा है. अब तक करीब हजारों लोगों को निकाला जा चुका है जहां कुल 80 हजार लोगों की आबादी को इस तूफ़ान से ख़तरा बताया जा रहा है.
तूफान के बेहद गंभीर होने के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने आज एक समीक्षा बैठक भी बुलाई है। पीएम आज दोपहर 1 बजे अधिकारियों के साथ ये बैठक करेंगे। क्योंकि गुजरात में इस तूफान का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री भी लगातार अधिकारियों के साथ जुड़े हुए है।
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