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‘सब बकवास, किताब पर बैन लगे…’ रामचरितमानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान

नई दिल्ली : बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बाद अब समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है. जहाँ उन्होंने धार्मिक ग्रंथ को बैन तक करने की बात कही है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘धर्म कोई भी हो, हम उसका सम्मान करते हैं. लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष, वर्ग विशेष को अपमानित करने पर हम आपत्ति दर्ज कराते हैं.’

क्या बोले सपा नेता?

दरअसल एक समाचार चैनल से बात करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘करोड़ों लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते हैं. ये सब बकवास है. यह किताब तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखी है. इतना ही नहीं वह आगे कहते हैं, सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है उसे बाहर करना चाहिए. या तो उन्हें इस पूरे ग्रंथ पर ही बैन लगा देना चाहिए.’ स्वामी परसाद मौर्य के अनुसार रामचरितमानस के कुछ अंश ऐसे हैं जिसपर उन्हें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई में वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.

‘ऐसे धर्म का सत्यानाश हो’- सपा नेता

 

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा ‘ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो. वह आगे कहते हैं कि यदि किसी बात को लेकर टिप्पणी की जाती है, तो चंद मुट्ठीभर धर्म के ठेकेदारों की हिंदू भावना आहत हो रही है.

संबोधन के दौरान दिया विवादित बयान

बता दें, बीते दिनों शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर नालंदा यूनिवर्सिटी में मौजूद हजारों की तादाद में छात्र छात्राओं को संबोधित कर रहे थे. इसी बीच उन्होने कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा, नफरत से नहीं। देश में 6 हजार से अधिक जातियां मौजूद हैं साथ ही जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार भी है. जब तक ये समाज में रहेंगी तब तक भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आगे कहा कि संघ नागपुर से जुड़े लोग समाज में नफरत फैलाते हैं वो लोग समाज में मोहब्बत फैलाने के लिए निकले हुए हैं. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान रामचरितमानस के कई दोहों को पढ़ते हुए कहा कि यह (रामचरितमानस) समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है.

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Riya Kumari

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