खड़गे Vs थरूर : कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की रेस से केएन त्रिपाठी बाहर, नामांकन रद्द

नई दिल्ली : कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब और भी दिलचस्प होता जा रहा है. जहां अध्यक्ष पद के तीनों दावेदारों में से झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी रेस से बाहर हो गए हैं. उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है. अब अध्यक्ष के चुनावी मैदान में सिर्फ मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद […]

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खड़गे Vs थरूर : कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की रेस से केएन त्रिपाठी बाहर, नामांकन रद्द

Riya Kumari

  • October 1, 2022 2:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब और भी दिलचस्प होता जा रहा है. जहां अध्यक्ष पद के तीनों दावेदारों में से झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी रेस से बाहर हो गए हैं. उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है. अब अध्यक्ष के चुनावी मैदान में सिर्फ मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ही बचे हैं. दोनों के बीच ही चुनाव होना है. देखना ये है कि दोनों में से कौन पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर सामने आएगा. बता दें,नामांकन के समय पहली ही खड़के का नाम सुनकर मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने अपना नामांकन वापस ले लिया था.

 

युवा और बुजुर्ग कांग्रेस

 

हालांकि बीते समय की घटनाओं पर नजर डालें, तो पता लगता है कि कांग्रेस में एक तरह का जेनरेशन गैप बना है। जिसे युवा नेता राहुल गांधी नये नेताओं का दिशा निर्देश करते रहें है, वही पार्टी के वरिष्ठ नेता अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के इर्द – गिर्द चक्कर लगाते नजर आते हैं। हाल ही में कांग्रेस से अलग होने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस विषय पर अपनी चिंताएं व्यक्त की थी।

पार्टी में उठते बगावती सुर

नए कांग्रेस अध्यक्ष को पद के साथ कड़ी चुनौतीयां भी मिलेगी, जिनमें से सबसे प्रमुख पार्टी में उठ रहे बगावतीं सुरों को बंद करने के साथ ही एकजुट करने के प्रयास भी करने होगें। वहीं दूसरी ओर पार्टी से नेताओं का लगातार पलायन जारी है। हाल ही में जी-23 गुट से शशि थरूर भी उन्हें चुनौती दे रहे हैं। परिणाम के बाद इन गुटों के साधने का प्रयास करना पडे़गा।

गुजरात में विधान सभा चुनाव

एक तरफ राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा जारी है, वहीं पार्टी सहित पूरे देश का ध्यान अध्यक्ष पद के चुनाव की ओर है। नए अध्यक्ष को यात्रा की सपन्नता के साथ- साथ होने वाले गुजरात चुनाव में भी पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी मिलेगी। बता दें कि लगभग 20 सालों से ज्यादा समय से पार्टी गुजरात में विपक्ष की भूमिका में है। इस समय पार्टी के लिए जमीनी स्तर तक के कार्यकर्ता निर्माण के लिए बेहद परिश्रम की आवश्यकता होगी।

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