मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस ने मांगा CM बीरेन का इस्तीफा, कहा- बेहतर होता सर्वदलीय बैठक इंफाल होती

नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से चल रही हिंसा को लेकर आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को मणिपुर की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी. संसद भवन में हुई इस बैठक में कांग्रेस, सपा, AAP और वामदलों समेत कई राजनीतिक पार्टियों के नेता शामिल हुए. इस बीच कांग्रेस ने मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह का इस्तीफा मांगा है.

इंफाल में होती सर्वदलीय बैठक तो..

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह सर्वदलीय बैठक अगर मणिपुर की राजधानी इंफाल में होती तो बेहतर होता. इससे एक संदेश जाता कि मणिपुर की पीड़ा देश की पीड़ा है. वहां अलग-अलग मिलिटेंट ग्रुप हैं, जिनके पास हथियार हैं. हमारी मांग है कि बिना किसी भेदभाव के सारे मिलिटेंट ग्रुप से हथियार वापस लिए जाएं.

बीरेन सिंह से इस्तीफा लेना चाहिए

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि जब तक एन. बीरेन सिंह मुख्यमंत्री रहेंगे तब तक मणिपुर में परिवर्तन की संभावना नहीं है, उनसे इस्तीफा लेना चाहिए. मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि मैं स्थिति को संभाल नहीं पाया, ऐसे हालात में उनका मुख्यमंत्री रहना नामुमकिन है.

हमारी मांग है इसपर PM कुछ बोलें

जयराम रमेश ने कहा कि 2001 में जून के महीने में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब मणिपुर जल रहा था. उसके बाद मणिपुर अमन, शांति और विकास के रास्ते पर लौट आया, उसका प्रमुख कारण है कि ओकरम इबोबी सिंह (मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री) ने 15 साल वहां स्थिर सरकार दी. 3 मई से हम मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री इस पर कुछ बोलें. लेकिन वे चुप्पी साधे हुए हैं.

सपा बोली- राष्ट्रपति शासन लगाओ

सर्वदलीय बैठक में समाजवादी पार्टी की ओर से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई. वहीं, मीटिंग खत्म होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में खुले मन से चर्चा हुई. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी बात रखी. मणिपुर के मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व को लेकर लोगों में अविश्वास है. वहा जो इंसान प्रशासन चला रहा है उस पर कोई विश्वास नहीं है. अगर सरकार को राज्य में दोबारा शांति बहाल करनी है तो आप ऐसे व्यक्ति के साथ नहीं कर सकते हैं.

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