नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को एक साल से ज्यादा वक्त बीत गया है। दूसरी ओर चीन और रूस के बीच बढ़ती नजदीकी से अमेरिका की चिंता बढ़ी हुई है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने चीन को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि वो यूक्रेन युद्ध […]
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को एक साल से ज्यादा वक्त बीत गया है। दूसरी ओर चीन और रूस के बीच बढ़ती नजदीकी से अमेरिका की चिंता बढ़ी हुई है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने चीन को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि वो यूक्रेन युद्ध से दूर रहे। बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि अगर चीन की तरफ से रूस को सैन्य मदद दी गई तो उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।
अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को कहा कि अगर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में चीन ने रूस को सैन्य सहायता प्रदान की तो उसे इसकी वास्तविक कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारे दृष्टिकोण से यूक्रेन का युद्ध चीन के लिए वास्तविक जटिलताएं लाएगा। अब बीजिंग को तय करना है कि यह कैसे आगे बढ़ता है। क्या वो इस जंग में रूस को सैन्य मदद देगा? अगर ड्रैगन इस रास्ते पर चलता है तो उसे इसकी वास्तविक कीमत चुकानी होगी।
जेक सुलिवन ने आगे कहा कि अमेरिका केवल सीधी धमकियां नहीं दे रहा है। हम ड्रैगन को दांव और परिणाम दोनों ही बता रहे हैं। बता दें कि सुलिवन की ये टिप्पणी रूस-यूक्रेन युद्ध के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आई है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा ने कहा है कि उसके पास खुफिया जानकारी है कि चीन सरकार युद्ध में रूस को ड्रोन और गोला-बारूद मुहैया कराने पर विचार कर रही है।
गौरतलब है कि, पिछले साल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था। एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है और दोनों देशों के बीच अब तक जंग जारी है। इस बीच पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा किया था। उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। इस दौरान बाइडेन कहा था कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है और वो युद्ध में हरसंभव मदद करेगा।
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