अमृतसर। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह महाराष्ट्र के अगले राज्यपाल बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि इसको लेकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में सहमति बन गई है। कैप्टन को नई भूमिका सौंपने की चर्चा इसलिए भी ज्यादा हो रही है, क्योंकि उनके पीएम मोदी से काफी अच्छे संबंध हैं। वहीं, बीजेपी उन्हें पहले ही 83 सदस्यों वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर चुकी है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल बनाए जाने के सवाल पर बीजेपी की पंजाब यूनिट चुप्पी साधे हुए है। पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा है कि अभी उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है। हालांकि, राज्य के सियासी गलियारों में कैप्टन को नया रोल सौंपे जाने की बात की जा रही है। उन्हें महाराष्ट्र का नया गवर्नर बनाए जाने की चर्चा तब तेज हुई, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जनवरी को पटियाला में होने वाली बीजेपी की रैली रद्द कर दी। इस रैली से भाजपा का पंजाब में लोकसभा चुनाव कैंपेन शुरू होने वाला था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मौजूदा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पिछले कुछ वक्त से काफी विवादों में हैं। पिछले हफ्ते ही उन्होंने कहा था कि वे पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान गवर्नर का पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं। इसके बाद अब महाराष्ट्र में नए राज्यपाल की नियुक्ति तय मानी जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा की टॉप लीडरशिप इस पद पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को बिठाना चाहती है। बता दें कि आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी। बाद में उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अपनी पार्टी बनाई जिसका अब बीजेपी में विलय हो चुका है।
कैप्टन अमरिंदर को सियासत का मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता है। 52 साल के अपने राजनीतिक करियर में वो 42 साल कांग्रेस में रहे, तीन बार पंजाब कांग्रेस प्रधान और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर रहे। कैप्टन के पिता पटियाला राज्य के अंतिम महाराजा थे। अमरिंदर सिंह ने 1963 से 1966 तक भारतीय सेना में काम किया है। 2014 की मोदी लहर में उन्होंने अमृतसर लोकसभा सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली को मात दी थी। पंजाब की राजनीति में बादल परिवार की पकड़ की ढीली करने में कैप्टन का बड़ा योगदान माना जाता है। वे अपने हिसाब से संगठन और सरकार चलाने में काफी माहिर हैं।
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