नई दिल्ली. सोमवार से शुरू होने वाले संसद सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव तय है, भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाकर भाजपा ने साफ संदेश दे दिया है कि स्पीकर उसी की पार्टी से होगा. ऐसे में वह डिप्टी स्पीकर का पद अपने सहयोगी दल टीडीपी को दे सकती है. राज्यसभा में […]
नई दिल्ली. सोमवार से शुरू होने वाले संसद सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव तय है, भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाकर भाजपा ने साफ संदेश दे दिया है कि स्पीकर उसी की पार्टी से होगा. ऐसे में वह डिप्टी स्पीकर का पद अपने सहयोगी दल टीडीपी को दे सकती है. राज्यसभा में जदयू का उपसभापति पहले से है. इस फार्मूले पर यदि पार्टी आगे बढ़ती है तो विपक्ष के साथ शुरुआती दिन से ही उसका टकराव तय है.
18वीं लोकसभा का विशेष सत्र 24 जून को शुरू हो रहा है, पहले दो दिन सांसद शपथ लेंगे जबकि 26 जून को स्पीकर का चुनाव होगा. प्रोटेम स्पीकर सभी सदस्यों को शपथ दिलाएंगे. प्रोटेम स्पीकर भाजपा के कटक से सांसद भर्तृहरि महताब को बनाया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. विपक्ष चाहता था कि आठ बार के सांसद सुरेश प्रोटेम स्पीकर बनें लेकिन तर्क दिया गया कि महताब सात बार लगातार जीते हैं जबकि आठ बार के सांसद सुरेश बीच में दो बार हारे भी हैं. इसके साथ ही विपक्ष यानी इंडी गठबंधन के साथ टकराव शुरू हो गया है. ऐसे में विपक्ष स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों पदों के लिए उम्मीदवार उतार सकता है.
स्पीकर पद के लिए एनडीए के अंदर भी खींचतान की खबर है, टीडीपी चाहेगी कि उसका स्पीकर बनें लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है. उसका मानना है कि एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है लिहाजा इस पद पर उसका दावा बनता है. स्पीकर की दौड़ में ओम बिरला, राधामोहन सिंह व भाजपा नेत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की साली डी पुंदेश्वरी शामिल हैं. पुंदेश्वरी पर दांव लगाकर भाजपा नायडू को संतुष्ट कर सकती है अलबत्ता वह डिप्टी स्पीकर का पद टीडीपी को देने को तैयार है. उसके सिपहसलार टीडीपी और जेडीयू को यह तर्क देकर संतुष्ट कर रहे हैं कि राज्यसभा में जेडीयू के हरिवंश पहले से ही उपसभापति हैं. दूसरे बड़े सहय़ोगी टीडीपी डिप्टी स्पीकर का पद ले ले.
भाजपा के इस तेवर से साफ है कि कमजोर होने के बावजूद वह समझौतावादी रुख अपनाने वाली नहीं है. संसद सत्र के शुरुआती दिन से ही टकराव की नौबत दिख रही है. विपक्ष का जोर है कि बेशक एनडीए ने 17वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया लेकिन 18वीं लोकसभा में वो परंपरा के अनुरुप यह पद विपक्ष को दे या फिर चुनाव का सामना करे.
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