नई दिल्ली: अगले ही साल देश में आम चुनाव होने हैं ऐसे में NDA और UPA ने अपनी-अपनी चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. एक ओर UPA जहां विपक्षी दलों को एक कर भाजपा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है दूसरी ओर केंद्र में शासित NDA भी पुराने दोस्तों के पास लौट रही है. पिछले कुछ दिनों में NDA ने चौंकाने वाले फैसले लिए हैं जहां बिछड़े दोस्तों ने एक बार फिर NDA की ओर वापसी की है. कई ऐसे नेता हैं जिनके भाजपा में वापस आने की बातचीत चल रही है.
इस लिस्ट में कर्नाटक से लेकर आंध्र प्रदेश और यूपी से लेकर बिहार के कई नेता शामिल हैं. बता दें, 18 जुलाई को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने NDA की बैठक बुलाई है. दिल्ली में होने जा रही इस बैठक में सभी पार्टियों को न्यौता दिया गया है. अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में ये सभी दल भाजपा के साथ गठबंधन में होंगे. इस बीच जीतनराम मांझी, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, ओम प्रकाश राजभर ऐसे नाम हैं जो भाजपा के पुराने सहयोगी दल रह चुके हैं. वहीं महाराष्ट्र से अजित पवार पहली बार NDA की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं.
इतना ही नहीं देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस के भी NDA में शामिल होने की चर्चा तेज है. जयंत सिंह की पार्टी RLD भी इसी चर्चा का हिस्सा बनी हुई है. जानकारी के अनुसार NDA में कम से कम 20 पार्टियों के जुड़ने की खिचड़ी पकाई जा रही है. हालांकि अभी तक गठबंधन की तस्वीर पूरी तरह साफ़ नहीं हुई है.
दूसरी ओर 23 जून को पटना में हुई महाबैठक के बाद विपक्ष की दूसरी बड़ी बैठक आज कर्नाटक में आयोजित की जा रही है. ये दो दिवसीय बैठक 24 दलों के मुखिया नेताओं के बीच होगी जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तय की जाएगी. इस बैठक में आम आदमी पार्टी के शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ है. पिछली बार भी विपक्षी महाबैठक में 16 दलों को आमंत्रित किया गया था जिसमें 15 दल ही शामिल हुए थे. हालांकि बेंगलुरु में होने वाली बैठक को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें सोनिया गाँधी भी शामिल हो सकती हैं.
NDA को लेकर भाजपा की रणनीति की बात करें तो रविवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश गठबंधन में शामिल हो गए हैं. उससे पहले उन्होंने दिल्ली में भाजपा के सीनियर नेताओं से मुलाकात की थी. पिछले कुछ दिनों से उनके NDA में शामिल होने की चर्चाएं थीं. राजभर के अलावा यूपी समेत अन्य राज्यों के कई नेता भाजपा में वापसी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. ये वही नेता हैं जो पहले कभी NDA का दामन छोड़कर चले गए थे. इसी कड़ी में अखिलेश यादव झटका देते हुए दारा सिंह चौहान ने भी सपा का साथ छोड़ दिया है. खबर है कि अब वह भाजपा में वापसी करने जा रहे हैं.
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को लेकर भी काफी चर्चाएं हो रही हैं. जयंत भी भाजपा के साथ जा सकते हैं. दरअसल ओपी राजभर के भाजपा में शामिल होने के बाद जयंत के कुछ ट्वीट सामने आए. इन ट्वीट्स के कई सियासी मायने निकलते हैं. दूसरी ओर जब ओपी राजभर से जयंत चौधरी को लेकर सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा कि थोड़ा धैर्य रखिए। अब देखना ये है कि क्या जयंत भी सपा गठबंधन छोड़ देंगे. वहीं धर्म सिंह सैनी की वापसी को लेकर भी राजभर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जल्द ही भाजपा के लिए धर्म सिंह सैनी को भी आपके सामने लाऊंगा. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय सैनी ने भी भाजपा का दामन छोड़ दिया था.
कर्नाटक की बात करें तो वहां भी कुमार स्वामी की पार्टी जदएस के एनडीए में शामिल होने की उम्मीद है. पूर्व सीएम और भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने बताया है कि राष्ट्रीय नेताओं और जेडीएस सुप्रीमो देवगौड़ा के बीच गठबंधन की बातचीत हुई है. बता दें, पहले भी कुमारस्वामी अलायंस पर अपनी बात कर चुके हैं. जहां उन्होंने कहा था कि कर्नाटक का पॉलिटिकल डेवलपमेंट बातचीत के आधार पर होगा.
आंध्र प्रदेश की बात करें तो 2024 के चुनाव से पहले प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू भी NDA में जा सकते हैं. नायडू ने दिल्ली में पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री शाह से मुलाकात की थी, इसके बाद से उनके NDA में वापसी की अटकलें शुरू हो गई थी.
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