नई दिल्ली: केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर ED-CBI जैसी जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर चंदा वसूलने के का आरोप लगा है. कांग्रेस पार्टी ने आज यह आरोप लगाएं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए. […]
नई दिल्ली: केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर ED-CBI जैसी जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर चंदा वसूलने के का आरोप लगा है. कांग्रेस पार्टी ने आज यह आरोप लगाएं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए. जयराम ने कहा कि साल 2018-19 और 2022-23 के दौरान भाजपा को करीब 335 करोड़ रुपए का दान देने वाली कम से कम 30 कंपनियों ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई का सामना किया है.
जयराम रमेश ने आगे बताया कि कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक चिट्ठी लिखी है. वेणुगोपाल ने पूछा है कि तीन में से दो केंद्रीय एजेंसियां वित्त मंत्रालय के अधीन हैं, पूरा देश इस बात को जानता है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों को रिमोट कंट्रोल के जरिए चला रही है. साल 2014 के बाद से नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के मामलों में चार गुना बढ़ोतरी इस बात की पुष्टि करती है. उन्होंने कहा कि इनमें से 90% से ज्यादा केस विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं.
वेणुगोपाल ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई थी, जिससे साफ तौर पर पता चला था कि भाजपा की कुल इनकम 2022-23 में ₹2,361 करोड़ हो गई है. जो पहले साल 2021-22 में ₹1,917 करोड़ थी. कांग्रेस संगठन महासचिव ने कहा कि 30 कंपनियों में से 23 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने बीजेपी को कुल 187.58 करोड़ रुपए डोनेशन दिए थे. उन कंपनियों ने 2014 से छापा पड़ने के दौरान कभी भी कोई राशि बीजेपी को दान नहीं की थी. वेणुगोपाल ने आगे कहा कि कुछ कंपनियां ऐसी हैं, जो पहले से ही बीजेपी को दान देती थीं, लेकिन जब उन्होंने दान देने से इनकार किया तो उन्हें जांच का सामना करना पड़ा.
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