मुंबई। महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में इस वक्त हड़कंप मचा हुआ है। शरद पवार के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले से एनसीपी के नेता और कार्यकर्ता हैरान हैं। फिलहाल पार्टी में नए अध्यक्ष के नाम को लेकर मंथन चल रहा है। इस बीच राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने पवार के […]
मुंबई। महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में इस वक्त हड़कंप मचा हुआ है। शरद पवार के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले से एनसीपी के नेता और कार्यकर्ता हैरान हैं। फिलहाल पार्टी में नए अध्यक्ष के नाम को लेकर मंथन चल रहा है। इस बीच राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने पवार के इस्तीफे के बहाने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के नेता संजय राउत पर निशाना साधा। बीजेपी ने राउत को आधुनिक युग का शकुनि मामा बताया है। भाजपा ने कहा है कि संजय राउत ही पवार परिवार में फूट के लिए जिम्मेदार हैं। इससे पहले उन्होंने शिवसेना में फूट डाली थी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता शरद पवार से फैसला वापस लेना का दबाव बना रहे हैं। इस बीच आज मुंबई स्थित वाईबी चव्हाण सेंटर में एनसीपी नेताओं की बैठक हुई। इस मीटिंग में शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजित पवार भी शामिल हुए। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अगले अध्यक्ष को लेकर चर्चा हुई।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में अब इस्तीफो का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को शरद पवार के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद जारी खींचतान के बीच एनसीपी राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र आव्हाड ने अब इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही पुणे जिले की पार्टी ने इकाई के नेताओं के सामूहिक रूप से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है।
बता दें कि शरद पवार ने 10 जून 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी। उससे पहले कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे। सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के मुद्दे पर उन्होंने तारिक अनवर समेत कई नेताओं के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने एनसीपी का गठन किया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अपने गठन के कुछ वक्त बाद ही महाराष्ट्र की सत्ता में आ गई। 1999 में एनसीपी ने कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई। इसके बाद 2004 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी एनसीपी और कांग्रेस का गठबंधन जीतने में सफल रहा। इस तरह एनसीपी ने लगातार 15 साल तक महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार चलाई। इसके बाद 2019 से 2022 तक शिवसेना और कांग्रेस की महाअघाड़ी सरकार में भी एनसीपी शामिल रही।
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