बिहार सरकार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SUV) ने मगध यूनिवर्सिटी में हुए घोटाले में सोमवार को बड़ी कार्रवाई की । विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा, प्रॉक्टर जयनंदन प्रसाद सिंह, लाइब्रेरियन विनोद कुमार और असिस्टेंट सुबोध कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। इन सभी पर वित्तीय अनियमितता और करोड़ों रुपये के सरकारी धन में हेराफेरी करने के आरोप हैं।
बता दें कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद इस घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। 16 नवंबर को SUV ने एक FIR दर्ज की थी, जिसमें कुलपति राजेन्द्र प्रसाद पर 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेरफेर और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।
बीते दिनों स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने आरोपी कुलपति राजेंद्र प्रसाद के कई ठिकानों पर छापे मारे थे। इस छापेमारी के दौरान उनके पास से करीब 90 लाख रुपए कैश, 15 लाख के जेवरात, 6 लाख की विदेशी मुद्रा और लगभग 1 करोड़ रुपए मूल्य के जमीनी कागजात बरामद हुए थे।
जांच में पाया गया कि ‘वित्तीय अनियमितताओं को करने में चारों गिरफ्तार आरोपी शामिल रहे हैं। प्रॉक्टर जयनंदन ने विवि के लिए किताबें खरीदने के नाम पर और फाइलों में निजी गार्डों की फर्जी संख्या दिखाकर, वेतन का पैसा हड़पने में वीसी के साथ मिलीभगत की। पुस्तकालय प्रभारी विनोद ने ई-लाइब्रेरी ना होने के बावजूद कुलपति के साथ मिलकर 2.5 करोड़ रुपये की ई-बुक्स खरीदीं। जबकि रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा ने ई-बुक्स के भुगतान वाले चेक पर हस्ताक्षर किए थे।
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