पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आम चुनाव 2024 से पहले सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हुए हैं। इसे लेकर वे कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं। इस बीच शनिवार को उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट हुए तो […]
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आम चुनाव 2024 से पहले सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हुए हैं। इसे लेकर वे कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं। इस बीच शनिवार को उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट हुए तो अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 100 से भी कम सीटों पर समेटा जा सकता है। उनके इस बयान पर अब भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि उनसे बिहार तो संभलता नहीं और वो देवगौड़ा या इंद्र कुमार गुजराल बनने का सपना देख रहे हैं।
पटना साहिब लोकसभा सीट से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह (नीतीश कुमार) लालू जी के चक्कर में फंस गए हैं और सपने देखने लगे हैं। नीतीश बाबू देवगौड़ा या इंद्र कुमार गुजराल बनना चाहते हैं, लेकिन वे नहीं देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आगे बढ़ रहा है। बीजेपी नेता ने आगे कहा कि उनसे बिहार तो संभलता नहीं, कांग्रेस तो उन्हें भाव भी नहीं दे रही है।
बता दें कि, इससे पहले शनिवार को पटना में आयोजित सीपीआई-एमएल के राष्ट्रीय कन्वेंशन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम पद को लेकर कहा कि नेतृत्व को लेकर मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। हम सिर्फ बदलाव चाहते हैं, जो सभी तय करेंगे वही होगा। सीएम नीतीश ने कहा कि अब कांग्रेस को आगे का निर्णय करना चाहिए और विपक्षी एकजुटता में देरी नहीं करनी चाहिए।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हमने तो दिल्ली जाकर दोनों (सोनिया-राहुल) से मुलाकात की थी। हम इंतजार कर रहे हैं। नीतीश ने सलमान खुर्शीद से कहा कि आपके जरिए कांग्रेस नेतृत्व से अपील है कि विपक्षी दलों को एकजुट करना शुरू करेंगे। अगर सब एकजुट हुए तो भाजपा 100 सीट के नीचे निपट जाएगी।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम एनडीए से अलग हुए तो सभी विपक्षी दल के नेताओं ने हमारा स्वागत किया था। 2024 में भी सभी विपक्षी दल एकजुट होकर लड़ेंगे तो बीजेपी का जरूर सफाया होगा। आज स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। हमें सभी धर्म के लोगों को साथ लेकर चलना होगा।
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