नई दिल्लीः एकबात तो तय है कि राजनीति में कुछ भी तय नहीं है। खासकर जब चुनाव नजदीक हो तब। कुछ ऐसा ही राजनीति अभी बिहार में देखने को मिल रही है। एक तरफ सीएम नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से नाराज चल रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा भी पूरी परिस्थिति पर नजरें बनाएं हुए […]
नई दिल्लीः एकबात तो तय है कि राजनीति में कुछ भी तय नहीं है। खासकर जब चुनाव नजदीक हो तब। कुछ ऐसा ही राजनीति अभी बिहार में देखने को मिल रही है। एक तरफ सीएम नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से नाराज चल रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा भी पूरी परिस्थिति पर नजरें बनाएं हुए है। ऐसे कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह के बाद बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने खुला ऑफर दे दिया है। जिसके बाद जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई। इसी बीच बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे तो वो उनका स्वागत करेंगे। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया गया था कि अगर नीतीश वापस आना चाहेंगे तो उनका स्वागत होगा। जिसपर उन्होंने कहा था कि राजनीति जो और तो से नहीं चलता। अगर किसी का प्रस्ताव आएगा तो विचार किया जाएगा।
वहीं नीतीश कुमार के खासम खास अशोक चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि अमित शाह ने कभी ये बात नहीं बोली है कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हो गए हैं। चौधरी ने आगे कहा कि अमित शाह ने ऐसा बोला है कि अगर कोई प्रस्ताव देगा तो विचार किया जाएगा, लेकिन पार्टी नेताओं ने तो अभी कोई प्रस्ताव दिया नहीं है।
दूसरी तरफ शुक्रवार यानी 19 जनवरी को लालू यादव और तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। यह बैठक 45 मिनट तक चली और पटना में सियासी अटकलें भी लगती रहीं। हालांकि, बैठक के बाद लालू-तेजस्वी ने खुद कहा कि यह एक सामान्य मुलाकात की थी। महागठबंधन में सबकुछ सही है।
ये भी पढ़ेः