बिहार: 5 कारण जिनकी वजह से फिर से पलटी मार रहे हैं नीतीश कुमार, पर्दे के पीछे की कहानी

पटना: बिहार एक बार फिर से सियासी संकट के दौर से गुजर रहा है. राजनीति में परिवारवाद पर नीतीश के बयान के बाद से राजद और जदयू के बीच बढ़ी तल्खी सामने आ गई है. दिल्ली से लेकर पटना तक जदयू, राजद और बीजेपी की अलग-अलग बैठकें हो रही है. कहा जा रहा है कि […]

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बिहार: 5 कारण जिनकी वजह से फिर से पलटी मार रहे हैं नीतीश कुमार, पर्दे के पीछे की कहानी

Vaibhav Mishra

  • January 26, 2024 8:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

पटना: बिहार एक बार फिर से सियासी संकट के दौर से गुजर रहा है. राजनीति में परिवारवाद पर नीतीश के बयान के बाद से राजद और जदयू के बीच बढ़ी तल्खी सामने आ गई है. दिल्ली से लेकर पटना तक जदयू, राजद और बीजेपी की अलग-अलग बैठकें हो रही है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़ने का मूड बना चुके हैं और वो NDA में फिर से वापसी कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि ऐसी क्या वजहें रहीं जिससे नीतीश कुमार का एक बार फिर से राजद और कांग्रेस से मोहभंग हो गया.

(वजह-1) I.N.D.I.A गठबंधन का संयोजक पद

नीतीश कुमार के कांग्रेस और राजद से अलग होने की बड़ी वजहों में से एक I.N.D.I.A गठबंधन का संयोजक पद है. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनना चाहते थे. लेकिन राजद और कांग्रेस ने ऐसा होने नहीं दिया. नीतीश के करीबियों का मानना है कि लालू प्रसाद यादव की गांधी परिवार से ज्यादा नजदीकी से जेडीयू प्रमुख असहज महसूस करते थे.

(वजह-2) जेडीयू को तोड़ने की कोशिश

महागठबंधन से नीतीश के मोहभंग की दूसरी बड़ी वजह जनता दल (यूनाइटेड) को तोड़ने की कोशिश बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीतीश कुमार को ऐसी जानकारी मिली थी कि राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव जनता दल (यूनाइटेड) को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. लालू अपने बेटे तेजस्वी को सीएम बनाना चाहते हैं और वे जेडीयू के कुछ नेताओं को अपने पाले में करके नीतीश कुमार का तख्तापलट कर सकते हैं.

(वजह-3) ब्यूरोक्रेसी पर लालू परिवार का कंट्रोल

नीतीश कुमार के विपक्षी महगठबंधन से दूर होने की तीसरी बड़ी वजह ब्यूरोक्रेसी पर लालू प्रसाद यादव का कंट्रोल बताया जा रहा है. मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो बिहार सरकार के बड़े अधिकारी सीधे लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी को रिपोर्ट करते थे, जो नीतीश को नागवार होता था. मालूम हो कि 2017 में भी नीतीश के महागठबंधन छोड़ने की यही बड़ी वजह थी.

(वजह-4) जेडीयू सांसदों का दबाव

बताया जा रहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) के लगभग सभी सांसद महागठबंधन के साथ चुनाव नहीं लड़ना चाहते. वे पार्टी नेतृत्व पर एनडीए में दोबारा जाने का दबाव बना रहे थे. जेडीयू सांसदों का मानना है कि अगर वे राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़े तो 2019 जैसा प्रदर्शन नहीं दोहरा पाएंगे. मालूम हो कि 2019 में जेडीयू 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 16 पर जीत हासिल की थी.

(वजह-5) नीतीश का खुद का भविष्य

नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने की सबसे बड़ी वजह उनकी खुद के भविष्य को लेकर चिंता था. नीतीश के करीबियों के मुताबिक उन्हें ऐसा लगता है कि I.N.D.I.A गठबंधन के पास उन्हें देने के लिए कुछ नहीं है. इसके अलावा बिहार विधानसभा में जेडीयू की कम सीटों की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने का खतरा भी महसूस हो रहा था. विधानसभा में सबसे बड़े दल के रूप में राजद लगातार नीतीश पर सीएम पद छोड़ने का दबाव बना रही थी.

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