नई दिल्ली। भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को इंटरपोल से बड़ी राहत मिली है। इंटरपोल ने मेहुल का नाम रेड कॉर्नर नोटिस की लिस्ट से हटा दिया है। PNB घोटाले के आरोपी ने इससे पहले रेड नोटिस के खिलाफ इंटरपोल के लियोन हेडक्वॉर्टर में अपील की थी। वहीं, इस मामले में सीबीआई ने […]
नई दिल्ली। भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को इंटरपोल से बड़ी राहत मिली है। इंटरपोल ने मेहुल का नाम रेड कॉर्नर नोटिस की लिस्ट से हटा दिया है। PNB घोटाले के आरोपी ने इससे पहले रेड नोटिस के खिलाफ इंटरपोल के लियोन हेडक्वॉर्टर में अपील की थी। वहीं, इस मामले में सीबीआई ने चुप्पी साधी हुई है। जांच एजेंसी की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है। बता दें कि मेहुल चौकसी पंजाब नेशनल बैंक में 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी है। फिलहाल वो फरार है और भारत में भगोड़ा घोषित है।
बता दें कि, इंटरपोल के रेड नोटिस को कानूनी रूप से किसी भी आरोपी के खिलाफ अलर्ट का सबसे रूप माना जाता है। रेड नोटिस जारी होने के बाद संबंधित व्यक्ति को अस्यायी रूप से तुरंत हिरासत में लिया जा सकता है, उसे अस्थायी तौर पर गिरफ्तार भी किया जा सकता है। इसके बाद जिस देश में आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, उस पर देश के कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है। कई मामलों में आरोपी को उस देश के हवाले भी कर दिया जाता है, जहां वो वॉन्टेड होता है। बता दें कि, दुनिया के 195 देश इंटरपोल के मेंबर हैं।
गौरतलब है कि, मेहुल चोकसी साल 2018 में भारत छोड़कर भाग गया था। इसके 10 महीने बाद उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। तब तक वो एंटीगुआ और बारबूडा में छुप कर रह रहा था। बाद में चौकसी को वहां की नागरिकता भी मिल गई। CBI द्वारा इंटरपोल को दिए एप्लीकेशन के जवाब में चौकसी ने कहा था कि भारत में जेलों की हालत बहुत खराब है, इसलिए उसे वहां न भेजा जाए। इसके बाद इंटरपोल की पांच सदस्यीय कमेटी ने इस मामले पर सुनवाई की, इस कमेटी को कमीशन फॉर कंट्रोल फाइल्स कहा जाता है। कोर्ट में इस लीगल कमेटी को रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द करने का अधिकार प्राप्त है। इस कमेटी ने चौकसी के खिलाफ जारी हुए रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द किया है।
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