कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों को लेकर केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है जिन्होंने हाई कोर्ट के फैसले के बाद शीर्ष अदालत […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों को लेकर केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है जिन्होंने हाई कोर्ट के फैसले के बाद शीर्ष अदालत का रुख किया था. वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को जारी रखते हुए आदेश में हस्तक्षेप से इनकार किया है.
Supreme Court dismisses the plea challenging the Calcutta High Court's order regarding the deployment of central forces in panchayat elections in West Bengal, refuses to interfere with the HC order. pic.twitter.com/t2ostlP9sP
— ANI (@ANI) June 20, 2023
पंचायत चुनाव में हिंसा के खिलाफ केंद्रीय बलों की तैनाती के मामले में न्यायमूर्ति नागरत्न ने कहा कि चुनाव करवाने से हिंसा का लाइसेंस नहीं मिल जाता है. लोकतंत्र की विशेषता निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव है जहां हिंसा के माहौल में चुनाव नहीं करवाए जा सकते. हाई कोर्ट के 2013, 2018 के आदेशों पर जस्टिस नागरत्न ने कहा कि हिंसा का इतिहास लंबा रहा है. जस्टिस ने आगे कहा कि हिंसा के माहौल में किसी भी तरह चुनाव नहीं हो सकते हैं. चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होने चाहिए.
इस दौरान न्यायमूर्ति नागरत्न ने कहा कि नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए लोगों की हत्या तक कर दी जाती है तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर सवाल ही नहीं उठता है. हिंसा की ऐसी घटनाओं को देखते हुए ही उच्च न्यायलय ने इस तरह के आदेश दिए हैं. जस्टिस नागरत्न आगे कहते हैं कि आपने पांच राज्यों से पुलिस मांगी है जिसका खर्चा उठाने के लिए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है. यदि खर्चा केंद्र सरकार करेगी तो आपकी कठिनाइयां कहां हैं? आगे सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर आप केंद्रीय बल की ओर से चुनाव में कानून-व्यवस्था के सवाल पर उलझे हैं तो इसमें परेशानी क्या है?
दूसरी ओर राज्य की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि सुरक्षा की दृष्टि से राज्य की पुलिस पहले ही काफी सक्षम है. पुलिस कर्मियों की कमी के कारण दूसरे राज्यों से पुलिस की मांग की गई है. सारी तैयारी कर ली गई है ऐसे में यदि केंद्रीय बलों की तैनाती की जाती है तो योजना बदलनी होगी जिसके लिए समय नहीं है.