उत्तर प्रदेश: लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान आज सीतापुर जेल से रिहा हो गए. रामपुर विधायक को लेने के लिए उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव भी सीतापुर जेल पहुंचे थे. आजम की 27 महीने बाद रिहाई हुई है। कल मिली थी […]
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान आज सीतापुर जेल से रिहा हो गए. रामपुर विधायक को लेने के लिए उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव भी सीतापुर जेल पहुंचे थे. आजम की 27 महीने बाद रिहाई हुई है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से विधायक आजम खान को कल सर्वोच्च अदालत ने बड़ी राहत दी. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को कोतवाली थाने से जुड़े एक मामले में अंतरिम जमानत दी. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि वो बाकी लंबित मामलों में निचली अदालत से नियमित ज़मानत लें. नियमित ज़मानत मिलने तक सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम ज़मानत जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान को दो हफ्ते के भीतर संबंधित अदालत के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन करने की स्वतंत्रता होगी. इसके साथ ही शीर्ष अदालत दी गई अंतरिम जमानत सक्षम अदालत द्वारा नियमित जमानत का फैसला होने तक जारी रहेगी।
रामपुर में अवैध निर्माण, जमीन हथियाने, सरकारी जमीन पर कब्जा, किताब चोरी और अतिक्रमण जैसे कुल 87 मामलों में आजम खान को पहले ही जमानत मिल चुकी है. आजम खान फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद थे।
बता दें कि पिछले दिनों आज़म खान को शत्रु संपत्ति से जुड़े मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन फिर भी आज़म को जेल से रिहाई नहीं मिली थी क्योंकि कुछ दिन पहले ही भाजपा नेता आकाश सकसेना ने उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई थी. आजम पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी बनवा कर मान्यता प्राप्त की थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से ही आजम खान सूबे कि सियासत में चर्चा का विषय बने हुए है. अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी से उनकी नाराजगी के बीच बीते दिनों बसपा प्रमुख मायावती ने उनके समर्थन में अपनी बात रखी. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीटर हैंडल से लिखा था कि बीजेपी सरकार द्वेषपूर्ण रवैये से आजम खान को 2 वर्ष से जेल में बंद कर परेशान करने का काम रही है।