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नहीं ठुकराना चाहिए था राम मंदिर का न्योता… दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण ने बताया क्या होगा नुकसान

भोपाल। अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ठुकराने पर कांग्रेसी आलाकमान अब अपने ही नेताओं के निशाने पर आ गया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि अब कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव में इसके परिणाम भुगतने होंगे। कांग्रेस के पूर्व विधायक […]

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(दिग्विजय सिंह-लक्ष्मण सिंह)
  • January 13, 2024 12:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

भोपाल। अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ठुकराने पर कांग्रेसी आलाकमान अब अपने ही नेताओं के निशाने पर आ गया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि अब कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव में इसके परिणाम भुगतने होंगे। कांग्रेस के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जो लोग राम मंदिर आंदोलन में लड़े, वो स्पष्ट रूप से प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में निर्णय लेंगे।

क्या बोले लक्ष्मण?

उन्होंने कहा कि जहां तक निमंत्रण का सवाल है, इसे अस्वीकार करने का क्या मतलब है? हम क्या संदेश दे रहे हैं? उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी ने इसे अनलॉक करवाया था तो आप कौन होते हैं इसे अस्वीकार करने वाले? अगर हमारा नेतृत्व ऐसे सलाहकारों को रखता है तो नतीजे वहीं होंगे जो अब तक आए हैं। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि नुकसान हो गया है, ये आगामी लोकसभा चुनाव में दिखेगा।

‘राजीव ने खुलवाया था ताला’

पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मंदिर का ताला खुलवाया था। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सीएम वीर बहादुर सिंह ने वहां 46 एकड़ जमीन राम मंदिर न्यास को देने की बात कही थी। उन्होंने वहां पर भव्य मंदिर बनाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश वो पद से हट गए। इसी बीच राजीव गांधी की हत्या हो गई। ये मामला खटाई में पड़ गया। उन्होंने आगे कहा कि उसके बाद स्थानीय और पूरे देश के साधु संतों ने इस लड़ाई को लड़ा।

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