राम मंदिर निर्माण: लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राम मंदिर के गर्भगृह की आधारशिला का शिलापूजन किया और पहला पत्थर रखा। इस दौरान उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। सीएम ने […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राम मंदिर के गर्भगृह की आधारशिला का शिलापूजन किया और पहला पत्थर रखा। इस दौरान उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। सीएम ने कहा कि गर्भगृह का आधारशिला रखना उनके लिए सौभाग्य की बात है।
गर्भ गृह का शिलापूजन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने मीडिया से बात की। जिसमें उन्होंने कहा कि अब प्रभु श्रीराम का मंदिर निर्माण तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की 500 साल पुरानी इच्छा है कि प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बने और ये इच्छा जल्द ही पूरी होने वाली है। मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि राम मंदिर राष्ट्र का मंदिर होगा और इससे भारत का सम्मान बढ़ेगा।
राम मंदिर के गर्भगृह के आधारशिला कार्यक्रम में कई हस्तियां अयोध्या में मौजदू रही। जिसमें मुख्यमंत्री योगी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह, राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष मंहत नृत्य गोपाल दास, महामंत्री चंपत राय शामिल है।
बता दें कि राम मंदिर के गर्भगृह की आधारशिला में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पहली शिला रखने के साथ ही मंदिर निर्माण के दूसरे चरण का निर्माण का कार्य शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि अब गर्भगृह की आधारशिला रखने के बाद इसका निर्माण कार्य 2023 के दिसंबर महीने तक पूरा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या पहुंचने के बाद सबसे पहले हनुमानगढ़ी दर्शन किया और पूजा-अर्चना भी की। इस दौरान सीएम योगी के साथ हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि 9 नवंबर 2019 को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2020 को मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी। फिलहाल मंदिर के पहले चरण का निर्माण पूरा हो गया है। जिसमें मंदिर के चबूतरे का निर्माण किया गया है। जानकारी के मुताबिक मंदिर निर्माण में राजस्थान के भरतपुर के बंसी पहाड़ से निकाले गए पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है। जिनपर फिलहाल नाहर शैली में कलाकृति बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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