गुवाहाटी। असम में बाल विवाद के खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश के बाद असम पुलिस ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ व्यापक मुहिम छेड़ा हुआ है। इसके तहत राज्य भर में पिछले 24 घंटे में 2170 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तार होने वाले आरोपियों में […]
गुवाहाटी। असम में बाल विवाद के खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश के बाद असम पुलिस ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ व्यापक मुहिम छेड़ा हुआ है। इसके तहत राज्य भर में पिछले 24 घंटे में 2170 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तार होने वाले आरोपियों में दूल्हा, उसके परिवार वाले और विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी शामिल हैं। असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके पास ऐसे 8,000 आरोपियों की एक सूची है।
इससे पहले गुरुवार को सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया था कि असम पुलिस ने राज्य में बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं। 3 फरवरी से इन सभी के ऊपर एक्शन शुरू होगा। सीएम ने आगे बताया कि जो लोग भी बाल विवाह में शामिल होंगे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं, अगर ऐसी शादी में कोई संतान पैदा हुई होगी तो शादी करने वाले पुरुष के खिलाफ POCSO के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
बता दें कि पिछले महीने ही राज्य की कैबिनेट ने फैसला लिया था कि बाल विवाह कुप्रथा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कैबिनेट में प्रस्ताव पास हुआ था कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले मर्दों के खिलाफ केस दर्ज होगा। ये केस यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज किया जाएगा।
गौरतलब है कि असम में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर काफी ज्यादा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के सर्वे में ये जानकारी सामने आई थी। माना जाता है कि बाल विवाह इसके पीछे मुख्य वजह है। यही कारण है कि असम सरकार ने राज्य की पुलिस को जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश भी दिया है।
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