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अध्यक्ष पद को लेकर गहलोत का “गेम ओवर”, अब सीएम की कुर्सी भी छिनेगी ?

नई दिल्ली. अशोक गहलोत इस समय सुर्ख़ियों में हैं. राजस्थान में जो सियासी हलचल हुई, उससे सोनिया गाँधी उनसे ख़ासा नाराज़ हैं. अब इसी सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे, पहले तो सोनिया ने उन्हें बहुत देर तक मिलने का समय ही नहीं दिया लेकिन बाद में दोनों की मुलाकात […]

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Ashok gehlot
  • September 29, 2022 4:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. अशोक गहलोत इस समय सुर्ख़ियों में हैं. राजस्थान में जो सियासी हलचल हुई, उससे सोनिया गाँधी उनसे ख़ासा नाराज़ हैं. अब इसी सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे, पहले तो सोनिया ने उन्हें बहुत देर तक मिलने का समय ही नहीं दिया लेकिन बाद में दोनों की मुलाकात हुई. करीब डेढ़ घंटे तक सोनिया गाँधी और अशोक गहलोत के बीच बातचीत चली. इस बैठक के बाद गहलोत ने ऐलान कर दिया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो कुछ हुआ उससे वो बहुत आहत हैं इसलिए उन्होंने सोनिया गाँधी से माफ़ी मांगी है. अब अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद से नाम वापस लेने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर भी संशय बना हुआ है. सोनिया गाँधी अशोक गहलोत से ख़ासा नाराज़ हैं, अब ऐसे में गहलोत सीएम की कुर्सी पर कब तक बने रहेंगे ये एक बड़ा सवाल है.

“सीएम पद का फैसला सोनिया के हाथ”

राजस्थान का हाई वोल्टेज ड्रामा तो अब भी जारी है. एक तरफ, जहाँ विधायक बोल रहे हैं कि उन्हें हाईकमान का हर फैसला मंजूर है तो वहीं दूसरी ओर गहलोत सोनिया से माफ़ी मांग रहे हैं. अब राजस्थान की कुर्सी को लेकर भी संशय बना हुआ है. इस संबंध में जब गहलोत से पूछा गया कि क्या वो सीएम की कुर्सी पर बने रहेंगे, तो इसपर उन्होंने कहा कि इसका फैसला तो सोनिया गाँधी ही लेंगी.

वहीं, आज अशोक गहलोत के बाद अब सचिन पायलट भी सोनिया गाँधी से मुलाकात करने वाले हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि शाम तक आलाकमान राजस्थान को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकता है. अब तो सोनिया गाँधी और सचिन पायलट की मुलाकात के बाद ही राजस्थान के सीएम को लेकर स्थिति साफ़ हो सकेगी.

इसलिए लड़ने वाले थे अध्यक्ष का चुनाव

अशोक गहलोत ने कहा कि जब उन्होंने राहुल गाँधी से मुलाकात की और उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया तब उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना तय किया. गांधी ने जब चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, जब मैंने उनसे मुलाकात के बाद तय किया था कि अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ूंगा, लेकिन बीते दिनों राजस्थान में जो कुछ भी हुआ उससे देश भर में मेरी छवि धूमिल हुई. मेरी ऐसी छवि बन गई कि मैं राजस्थान का मुख्यमंत्री ही बना रहना चाहता हूँ, मुझे कुर्सी से बहुत मोह है. लेकिन असल में ऐसा नहीं है, असल में मैं कांग्रेस का एक वफादार सिपाही हूँ और पार्टी के लिए कुछ भी कर सकता हूँ. बीते दिन जो कुछ भी हुआ उससे मैं बहुत आहत हूँ.

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