नई दिल्ली, भारत और चीन के बीच सिमा विवाद ( India China Face Off ) लगातार जारी ही है.पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पिछले 18 महीने से जारी विवाद के बाद चीन अब अरूणाचल प्रदेश में भी हरकतें बढ़ा रहा है.करीब दो हफ्ते पहले ही चीन के करीब 200 सैनिकों ने अरूणाचल प्रदेश के […]
नई दिल्ली, भारत और चीन के बीच सिमा विवाद ( India China Face Off ) लगातार जारी ही है.पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पिछले 18 महीने से जारी विवाद के बाद चीन अब अरूणाचल प्रदेश में भी हरकतें बढ़ा रहा है.करीब दो हफ्ते पहले ही चीन के करीब 200 सैनिकों ने अरूणाचल प्रदेश के यांगत्से में घुसपैठ करने की कोशिश की, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया. बता दें हाल ही में भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य तनातनी ख़त्म करने के लिए आर्मी कमांडर ने वार्ता की थी. यह वार्ता सुबह 10.30 बजे से मोल्डो में हुई थी. इस दौरान दोनों आर्मी कमांडर हाट स्प्रिंग्स गतिरोध दूर करने को लेकर बातचीत की थी.
अरूणाचल प्रदेश से सटी एलएसी की निगरानी के लिए इसी साल यहां सेना की एक इंडिपेन्डेंट एविएशन ब्रिगेड को तैनात किया गया है. इस बेस पर दुनिया के सबसे दमदार माने जाने वाले इजरायली हेरॉन ड्रोन से लेकर स्वदेशी अटैक हेलाकॉप्टर, डब्लूएसआई यानि रूद, एएलएच-ध्रुव और चीता हेलाकॉप्टर तैनात हैं.
सेना का हेरोन मार्क-1ए ड्रोन लगभग 30 हजार फीट की ऊंचाई से नॉन-स्टॉप 24 से 30 घंटे तक उड़ान भरकर हर हरकत पर नज़र रख सकता है. उड़ान के दौरान हेरॉन करीब 20-25 किलोमीटर तक जमीन पर निगरानी रख सकता है. भारत और चीन के बीच पिछले 18 महीने से जारी विवाद में मौजूदा स्थिति में ज़बरदस्त बदलाव हुआ है. विवाद भले ही पूर्वी लद्दाख में हो लेकिन पूरी एलएसी एक्टिव है.
सेना के इस्टर्न सेक्टर का अरुणाचल प्रदेश आज भी चीन की नज़रों में खटकता है. यहां तक की उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर भी चीन आपत्ति करता है. यही वजह है कि भारतीय सेना अरूणाचल प्रदेश से सटी 1200 किलोमीटर लंबी एलएसी पर पूरी तरह से चौकान्ना है. भारतीय सेना ने भी अपनी तरफ़ से पूरी तैयारी कर रखी है.