चेन्नई: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. सनातन धर्म के खिलाफ विवादित टिप्पणी के बाद अब उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई संसद के उद्घाटन में न बुलाए जाने को लेकर बयान दिया है. उदयनिधि ने बुधवार को डीएमके के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा […]
चेन्नई: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. सनातन धर्म के खिलाफ विवादित टिप्पणी के बाद अब उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई संसद के उद्घाटन में न बुलाए जाने को लेकर बयान दिया है. उदयनिधि ने बुधवार को डीएमके के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संसद की नई इमारत के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वो आदिवासी और विधवा हैं.
मदुरै में पार्टी के एक कार्यक्रम में उदयनिधि ने कहा कि हमारे देश का पहला नागरिक कौन होता है? राष्ट्रपति. उनका क्या नाम है? द्रौपदी मुर्मू. उन्हें नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम में इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वो आदिवासी और विधवा हैं. क्या हम इसे ही सनातन कहते हैं? उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन के खिलाफ हम अपनी आवाज को उठाना बंद नहीं करेंगे.
बता दें कि इससे पहले मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने 2 सितंबर को चेन्नई में आयोजित सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में बड़ा विवादित बयान दिया था. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी. उदयनिधि ने कहा था कि मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना जैसी कुछ चीजें होती हैं, जिनका सिर्फ विरोध नहीं किया जाता है. उन्हें खत्म करना जरूरी होता है. इसके बाद उदयनिधि के बयान का कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने समर्थन किया था.