Afganistan,अमेरिका ने पिछले 20 वर्षों से अफगानिस्तान के साथ साथ मध्य-पूर्व में अपने इतिहासिक समय वहां सबसे लंबा सैन्य जंग लड़ा। लगभग दो दशकों तक चलने वाली इस जंग में उसे जो कीमत चुकानी पड़ी, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उसने अपने ही लोगों की जितनी जानें गंवाई हैं। कोई भी उसका मोल नहीं लगा सकता।
पिछले दो दशकों के युद्ध में अफगानिस्तान और इराक में 3500 से अधिक अमेरिकी ठेकेदार मौत के मुंह में समा गए तो 37000 से अधिक अमेरिकी सर्विस मेंबर भी इस दुनिया से विदा हो गए, 20 सालों की इस लड़ाई के में अमेरिका ने 14 ट्रिलियन डॉलर खर्च किए। इन पैसों से सशस्त्र ठेकेदारों,निर्माताओं और डीलरों का पेट भरा गया। Wall street के एक जर्नल की एक रिपोर्ट से पता चला, कि 11 सितंबर 2001 के बाद, अमेरिकी सैन्य पुनर्विचार करने के बाद पेंटागन ने खर्च को $14 ट्रिलियन तक बढ़ा दिया था। जिसमें से राशि का एक तिहाई में से उसका आधा हिस्सा ठेकेदारों के पास गया।
2008 में अमेरिका के अफगानिस्तान Afganistan और इराक में 1 लाख 87,900 सैनिक थे और 2 लाख 3,660 ठेकेदार कर्मचारी मोजूद थे। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पहले और दूसरे कार्यकाल के अंत में ज्यादातर अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान छोड़ने का आदेश दे दिया था। इसके बाद पहले कार्यकाल से कम 9,800 सैनिकों की तुलना में 26,000 से अधिक ठेकेदार अफगानिस्तान में थे। चार साल बाद जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पद छोड़ा था। उस समय तक 2500 सैनिकों के साथ 18,000 अमेरिकी ठेकेदार अफगानिस्तान में मोजूद थे।अमेरिकी ठेकेदार अक्सर अफगानियों को अपना काम करने के लिए इस्तेमाल में लाया करते थे।
लेकिन उन्हें केवल एक अमेरिकी या यूरोपीय कर्मचारी को भुगतान करने के लिए आदेश होता था. अफगान में भाषाविदों की औसत मासिक आय लगभग 2012 में $750 से गिरकर 2021 में $500 हो गई । अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में अमेरिकी सैनिकों के साथ काम करने वाले अफगानी भाषाविदों को प्रति माह 300 डॉलर का भुगतान किया गया। दो दशकों तक चले के इस युद्ध में अफगानिस्तान और इराक में 3,500 से अधिक अमेरिकी ठेकेदार मौत के मुंह में चले गए और 7,000 से अधिक अमेरिकी सर्विस मेंबर दुनिया को अलविदा कह गए।
अफगानिस्तान के दोबारा बसाने के लिए अमेरिका के SIGAR ( विशेष महानिरीक्षक ) ने देश के पुनर्निर्माण के नाम पर लगभग $150 बिलियन रूपए की धोखाधड़ी कि, सैकड़ों रिपोर्टें से खुलासा होने बाद ये मामला उजागर हुआ, साल 2021 की शुरुआत में ही SIGAR के सर्वेक्षण में पाया गया, कि मौजूदा परियोजनाओं के लिए निर्धारित 7.8 बिलियन डॉलर में से केवल 1.2 बिलियन डॉलर खर्च हो पाए, या फिर 15 प्रतिशत नई सड़कों, पुलों, अस्पतालों, और कारखानों पर खर्च किया गया ।
सैन्य विमानों, कृषि कार्यक्रमों,पुलिस कार्यालयों, और अन्य विकास परियोजनाओं में कम से कम $2.4 बिलियन खर्च कर दिए गए, जिन्हें बाद में नष्ट कर दिया गया। यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ( USAID ) ने अफगानिस्तान में 1200 मील की कंक्रीट की सड़क बनाने के लिए एक कंपनी को 270 मिलियन डॉलर दिए थे। लेकिन USAID ने इस परियोजना को रद्द कर दिया था। जब की कंपनी ने तीन साल के काम में ही 100 मील की सड़क का निर्माण किया गया।
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