Advertisement

अमेरिका लाया Turkey में भूकंप? वो विनाशकारी तकनीक जिससे लगा ये आरोप

नई दिल्ली: तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप ने अब तक 23 हजार लोगों की जान ले ली है. इस ताबाही से करीब 2.5 करोड़ की आबादी के प्रभावित होने का अनुमान है. जहां एक ओर तुर्की इस तबाही से उबरने का प्रयास कर रहा है दूसरी ओर एक और नया विवाद चल पड़ा […]

Advertisement
अमेरिका लाया Turkey में भूकंप? वो विनाशकारी तकनीक जिससे लगा ये आरोप
  • February 10, 2023 9:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप ने अब तक 23 हजार लोगों की जान ले ली है. इस ताबाही से करीब 2.5 करोड़ की आबादी के प्रभावित होने का अनुमान है. जहां एक ओर तुर्की इस तबाही से उबरने का प्रयास कर रहा है दूसरी ओर एक और नया विवाद चल पड़ा है. दरअसल सोशल मीडिया पर इन दिनों कहा जा रहा है कि अमेरिका तुर्की में आने वाले इस भूकंप के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका ने अपने अपनी वेदर तकनीक का इस्तेमाल कर तुर्की में तबाही मचाई है और इस साजिश को अंजाम दिया है. आइए जानते हैं क्या है वह विनाशकारी तकनीक जिसे लेकर अमेरिकी रिसर्च सेंटर HAARP (हाई फ्रीक्वेंसी एक्टिव एरोरल रिसर्च प्रोग्राम) पर आरोप मढ़ा जा रहा है.

 

वीडियो हो रहे वायरल

इन दिनों सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट वायरल हैं जिनमें तुर्की भूकंप के दौरान बिजली गिरने का दावा किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार भूकंप के दौरान बिजली का गिरना सामान्य नहीं है. अमेरिका ने कृत्रिम ढंग से इसे अंजाम दिया है ताकि तुर्की को सजा मिले. लेकिन आखिर अमेरिका तुर्की को किस बात की सजा देना चाहेगा?

दरअसल तुर्की का नाम उन तमाम देशों में शुमार है जिन्होंने पश्चिमी देशों के बताए रास्ते पर चलने से इनकार कर दिया था. इसी बात को लेकर सोशल मीडिया पर इस समय हलचल है और अमेरिका के HAARP पर आरोप मढ़े जा रहे हैं.

 

क्या है हार्प?

हार्प अलास्का में एक वेधशाला में स्थित अमेरिकी परियोजना है. जिसमें रेडियो ट्रांसमीटर की मदद से ऊपरी वातावरण (आयनमंडल) का अध्ययन किया जाता है. इसके मौसम पर साल 2022 में कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए थे. लेकिन इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि ये प्रोजेक्ट किसी भी तरह का भूकंप ला सकते हैं. हालांकि पहले भी कुदरती आपदाओं को लेकर HAARP पर संदेह किया गया. कई देशों में आए भूकंप, सुनामी और भूस्खलन के लिए इसे जिम्मेदार माना गया.

कंस्पिरेसी थ्योरीज

कंस्पिरेसी थ्योरीज की बात करें तो इसमें ये दावा किया जाता है कई देश मौसम को कंट्रोल करके दूसरे देश पर हमला करेंगे. इसमें हथियारों या परमाणु बम की वजह से कोई हमला नहीं किया जाएगा. यह हमले कुदरती लगेंगे जैसे बारिश को काबू करके एक देश, अपने दुश्मन देश में सूखा ले आए. या फिर बाढ़, भूकंप आदि. जिससे देश भीतरी तौर पर कमज़ोर हो जाए.

यह ठीक वैसा है जैसे दुश्मन देश में खतरनाक वायरस या बैक्टीरिया भेजना आदि. हालांकि मौसम पर काबू करने की कोशिशें किसने शुरू कीं यह एक विवाद का विषय है. इन आरोपों को लेकर रूस और अमेरिका एक दूसरे पर हमलावर हुए रहते हैं. लेकिन अधिकांश आरोप अमेरिका पर ही लगाए जाते हैं.

कैसे रूस की हुई एंट्री?

बता दें, पचास के दशक में इस बारे में खुलकर बात होती थी. क्योंकि उस समय ये प्रयोग काफी छोटे स्तर पर किया जाता था. मौसम में कैसे धूलभरी आंधी लाई जा सकती है या बर्फ पिघलाकर बाढ़ लाई जा सकते है. लेकिन रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) भी मैदान में आ गया और उसने प्रशांत महासागर के पानी का तापमान बढ़ाने-घटाने का डैमो दे दिया. इसके बाद से रूस और अमेरिका में आरोप की जंग छिड़ गई.

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद

Advertisement