नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई. संसद भवन में हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राजनीतिक पार्टियों को मणिपुर के मौजूदा हालातों के बारे में जानकारी दी. करीब 3 घंटे चली इस मीटिंग में भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी […]
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई. संसद भवन में हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राजनीतिक पार्टियों को मणिपुर के मौजूदा हालातों के बारे में जानकारी दी. करीब 3 घंटे चली इस मीटिंग में भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी और वाम दलों सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने हिस्सा लिया.
सर्वदलीय बैठक में समाजवादी पार्टी की ओर से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई. वहीं, मीटिंग खत्म होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में खुले मन से चर्चा हुई. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी बात रखी. मणिपुर के मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व को लेकर लोगों में अविश्वास है. वहा जो इंसान प्रशासन चला रहा है उस पर कोई विश्वास नहीं है. अगर सरकार को राज्य में दोबारा शांति बहाल करनी है तो आप ऐसे व्यक्ति के साथ नहीं कर सकते हैं.
मणिपुर की मौजूदा स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन समेत अन्य कई पार्टियों के नेता मौजूद रहे.
बता दें कि, मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच बीते 3 मई से हिंसा जारी है. हिंसक झड़पों में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इसके साथ ही 50 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के खिलाफ 2 मई को कुकी समुदाय ने पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किया था. इसी दौरान दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए थे.
मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र का बड़ा कदम, राज्यपाल की अगुवाई में शांति समिति का हुआ गठन