नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जारी है लेकिन इस बीच अपने ही देश में बगावत का सामना कर रहे रूस की मुश्किलें बढ़ गई हैं. रूस के वैगनर ग्रुप ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिससे मॉस्को में तनाव बढ़ गया है. रूस में वैगनर ग्रुप की बगावत […]
नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जारी है लेकिन इस बीच अपने ही देश में बगावत का सामना कर रहे रूस की मुश्किलें बढ़ गई हैं. रूस के वैगनर ग्रुप ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिससे मॉस्को में तनाव बढ़ गया है. रूस में वैगनर ग्रुप की बगावत के बाद इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया है. लेकिन अब सरकार और वैगनर ग्रुप के बीच समझौते की खबर सामने आ रही है.
पूरे 12 घंटों की उठापटक के बाद मॉस्को का माहौल शांत नज़र आ रहा है जहां वैगनर ग्रुप और रूसी सरकार के बीच समझौता देखा जा रहा है. इस समझौते के बाद वैगनर के लड़ाके एक बार फिर यूक्रेन की ओर लौट गए हैं. बताया जा रहा है कि इस समझौते के पीछे बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का बड़ा हाथ है. उन्होंने दावा किया है कि वैग्नर से समझौते का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है जिसके बाद प्रिगोजिन और रूसी सरकार के बीच सुलह हुई है. इस समझौते के बाद वैगनर के लड़ाके यूक्रेन के खिलाफ फिर मैदान में लौट गए हैं.
इन्हीं दावों के अनुसान वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन और लुकाशेंको के बीच बातचीत हुई है जिसमें उन्होंने रूस पर हमला रोकने का अनुरोध किया. अनुरोध के बाद वैगनर सेना मॉस्को से वापस लौटने के लिए तैयार हो गई जहां वैगनर सेना को राष्ट्रपति पुतिन ने सुरक्षा का भरोसा दिया है. दूसरी ओर वैगनर ग्रुप के चीफ प्रिगोजिन द्वारा टेलीग्राम पर एक ऑडियो मैसेज जारी किया गया है जिसमें उन्होंने अपने सभी लड़ाकों को यूक्रेन की ओर लौटने के आदेश जारी किए हैं. उन्होंने इस ऑडियो मैसेज में कहा कि उनके सभी लड़ाके युद्धक्षेत्र में लौट जाएं.
गौरतलब है कि इस बगावत के बाद रूस की राजधानी मॉस्को में हालत कुछ अधिक खराब हो गए थे. इसके बाद मॉस्को में आपातकाल लागू कर दिया गया और लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी गई. इसके अलावा मॉस्को में सोमवार को ‘नॉन-वर्किंग डे’ घोषित कर दिया गया है. अब पूरी दुनिया वैगनर के इस विद्रोह पर नज़र जमाए हुए है जहां कई देशों ने भी इस बगावत पर नाराज़गी जताई है.