अग्निपथ योजना: नई दिल्ली। अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार का लगातार मंथन जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भी तीनों सेना प्रमुख के साथ योजना को लेकर बैठक कर रहे है। इस रिव्यू मीटिंग के बाद अग्निपथ योजना पर डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफएयर्स के एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी समेत तीनों सेनाओं […]
नई दिल्ली। अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार का लगातार मंथन जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भी तीनों सेना प्रमुख के साथ योजना को लेकर बैठक कर रहे है। इस रिव्यू मीटिंग के बाद अग्निपथ योजना पर डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफएयर्स के एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी समेत तीनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर्स प्रेस कांफ्रेंस दोपहर तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। फिलहाल इस योजना को किस तरह से और अधिक लुभावना बनाया जा सकता है इसे लेकर रक्षा मंत्रालय लगातार बैठक कर रहा है। बता दें कि अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद से ही पूरे देश में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
बताया जा रहा है कि ये बैठक अकबर रोड स्थित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हो रही है। बैठक में तीनों सेना के प्रमुख मौजूद हैं। रक्षा मंत्री ने कल भी योजना को लेकर एक बैठक की थी। जिसमें थलसेना प्रमुख मौजूद नहीं थे। कल थलसेना प्रमुख एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने हैदराबाद गए थे. इसलिए वो बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे। लेकिन आज वो मीटिंग में मौजूद हैं।
बता दें कि इससे पहले कल अग्नपिथ योजना के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CAPF और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPF और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है। और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी। रक्षा मंत्रालय ने भी अग्निवीरों के 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में युवाओं का आक्रोश देखने को मिल रहा है। बिहार से हरियाणा तक आंदोलन आक्रमक होता जा रहा है। कहीं गाड़ियों में आग लगा दी गई तो कहीं ट्रेन की पटरियां ही उखाड़ दी गई है। ऐसे में सरकार युवाओं को स्कीम के फायदे समझाने की कोशिश कर रही है, तो वहीं विपक्ष का कहना है कि इस योजना के जरिए युवाओं के भविष्य के साथ खेला जा रहा है और ये सेना की गरिमा को भी कम करता है।
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