नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के बाद अब न्यूजीलैंड की धरती कांपी है। ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित इस देश में आज दोपहर 6.1 की तीव्रता का भूकंप आया। ये भूकंप के झटके न्यूजीलैंड में लोअर हट से 78 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में महसूस किए गए हैं। तुर्की और सीरिया में […]
नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के बाद अब न्यूजीलैंड की धरती कांपी है। ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित इस देश में आज दोपहर 6.1 की तीव्रता का भूकंप आया। ये भूकंप के झटके न्यूजीलैंड में लोअर हट से 78 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में महसूस किए गए हैं।
गौरतलब है कि तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप की वजह से अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि ये आंकड़ा 50 हजार के पार जा सकता है। इमारतों के मलबों से अभी भी लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने कहा है कि यह देश की स्थापना के बाद से सबसे घातक आपदा है।
बता दें कि न्यूजीलैंड में पिछले कई दिनों से समुद्री तूफान ‘साइक्लोन गैब्रियल’ का खतरा मंडरा रहा था। इस समुद्री तूफान की वजह से देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और बाढ़ आ गई। स्थिति इतनी खराब हो गई कि सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी।
समुद्री तूफान ‘साइक्लोन गेब्रियल’ के वजह से न्यूजीलैंड में बहुत ऊंची लहरे उठ रही हैं। तेज बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। वहीं, बाढ़ से बड़ी संख्या में घर-मकानों को नुकसान पहुंचा है।
न्यूजीलैंड सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय आपातकाल लगाने की घोषणा की। ये आपातकाल उन 6 क्षेत्रों में लागू होगा जहां पहले से ही स्थानीय आपातकाल घोषित है। इन क्षेत्रों में नॉर्थलैंड, ऑकलैंड, ताइराविटी, बे ऑफ प्लेंटी, वाइकाटो और हॉक्स बे शामिल हैं।
न्यूजीलैंड के आपातकालीन प्रबंधन मंत्री कीरन मैकअनल्टी ने समुद्री तूफान को लेकर कहा है कि यह एक अभूतपूर्व घटना है, जिसका उत्तरी द्वीप के अधिकांश हिस्सों में काफी प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है, यहां लोग व्यापक बाढ़, फिसलन और सड़कों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान से जूझ रहे हैं। देश के हजारों घरों की बिजली गुल हो गई है।
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